रोजाना एक कविता : आज पढ़ें आनंद कुमार द्विवेदी की कविता समय का माप

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रोजाना एक कविता : आज पढ़ें आनंद कुमार द्विवेदी की कविता समय का माप
समय का माप

मैं प्रतीक्षा को समय से मापता हूँ
और समय को जीवन से
जीवन को मापता हूँ तुम्हारे साथ से
और तुम्हारा साथ … ?
छोड़ो
मैं फिर से प्रतीक्षा पर लौटता हूँ !

मैं दुख को देह से मापता हूँ
और देह को आयु से
आयु को मापता हूँ तुम्हारे साथ से
और तुम्हारा साथ…?
छोड़ो
मैं फिर से दुख पर लौटता हूँ

मैं मृत्यु को शान्ति से मापता हूँ
और शान्ति को प्रेम से
प्रेम को मापता हूँ तुम्हारे साथ से
और तुम्हारा साथ… ?
छोड़ो
मैं फिर से मृत्यु पर लौटता हूँ !