
मैं एक गीत लिखना चाहता हूं
शायद! अंतिम
जिसमें हर शब्द में
तुम्हारा जीवित होना
धड़कता हो
न हो कोई शब्द ऐसा
जो रह जाए स्मृति मात्र
क्योंकि, तुम बीता हुआ
कल नहीं
मेरे अनंत का वर्तमान हो
मैंनें तुमसे प्रेम किया है
और…, प्रेम
जीवन की जीवटता सिखाता है
पलायन नहीं
मैं दुःख के विलाप को
शराब की तरह
प्रेम की अनंतता में घोल
अपने आपको
डुबो देना चाहता हूं…