Shimla : हिमाचल में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात, 4 नेशनल हाईवे और 613 सड़कें अवरुद्ध

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शिमला : (Shimla) हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। राज्य के अधिकांश जिलों में बीती रात से जारी भारी वर्षा के चलते जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए आज कई जिलों में स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों (schools, colleges and Anganwadi centers) में अवकाश घोषित किया गया है। मौसम विभाग ने 12 अगस्त तक राज्य के कई क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

सबसे ज्यादा असर सोलन, शिमला, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिलों में देखा गया है। सिरमौर और सोलन जिलों के सभी शिक्षण संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद (educational institutions and Anganwadi centers closed) रखने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, शिमला जिले के ठियोग, चौपाल, रामपुर, सुन्नी, जुब्बल, डोडरा क्वार और कुमारसेन, कुल्लू के आनी और निरमंड तथा मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल में भी आज शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है।

लगातार बारिश से प्रदेश में कई सड़कें और नेशनल हाईवे (national highways) बंद हो गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार सुबह तक प्रदेश में चार नेशनल हाईवे और 613 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। इनमें मंडी जिले में सबसे ज्यादा 375 सड़कें बाधित हैं। इसके अलावा कुल्लू में 89, सिरमौर में 38, सोलन में 29, कांगड़ा में 23, शिमला में 22 और चंबा में 18 सड़कें अवरुद्ध हैं।

शिमला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे (Shimla-Chandigarh National Highway) पर सोलन के चक्की मोड़ में भूस्खलन के कारण यातायात बाधित है। मंडी जिले में एनएच-3 और एनएच-21 विभिन्न स्थानों पर बंद पड़े हैं, वहीं कुल्लू में एनएच-305 और किन्नौर में एनएच-5 भी भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के कारण बाधित है।

बिजली और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था (Electricity and drinking water supply system) भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश में कुल 1491 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं। इनमें सोलन जिले में सर्वाधिक 709, कुल्लू में 457 और मंडी में 301 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। पेयजल परियोजनाओं की बात करें तो अब तक 265 स्कीमें बाधित हुई हैं, जिनमें कांगड़ा की 120 और मंडी की 86 योजनाएं प्रमुख हैं।

बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक सोलन जिला के कसौली में सर्वाधिक 145 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा धर्मपुर में 122, गोहर में 120, मेलरान में 103, बग्गी में 95, नगरोटा सुरियां में 93, नैनादेवी में 86, सुंदरनगर में 80, कांगड़ा में 71 और बिलासपुर में 70 मिमी बारिश हुई है

शिमला के चिडग़ांव में पब्बर नदी में गिरी कार, तीन लोगों की मौत

खराब मौसम के बीच शिमला जिला के रोहड़ू उपमण्डल के चिडग़ांव क्षेत्र में बीती मध्यरात्रि एक कार अनियंत्रित होकर पब्बर नदी में जा गिरी। हादसे में तीन लोगों की मौत हुई, वहीं एक घायल है। मृतकों की पहचान विशाल, अभय और हिमांशु के रूप में हुई है।

इस मॉनसून सीजन में अब तक प्रदेश में 194 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक 42 मौतें मंडी में हुई हैं। इसके बाद कांगड़ा में 31, शिमला, कुल्लू और चंबा में 18-18, सोलन में 13, हमीरपुर और ऊना में 12-12, किन्नौर में 11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5 लोगों की जान गई है।

भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक प्रदेश में 1738 मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें 463 घर पूरी तरह से ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1102 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 387 पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में 295 दुकानें और 1610 गौशालाएं भी प्रभावित हुई हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (State Disaster Management Authority) के अनुसार अब तक प्रदेश को कुल 1852 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 971 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 633 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है। मौसम विभाग के अनुसार लगातार बारिश के कारण आने वाले दिनों में नुकसान और बढ़ सकता है।

इस मॉनसून सीजन में अब तक फ्लैश फ्लड की 55, बादल फटने की 28 और भूस्खलन की 48 घटनाएं हो चुकी हैं। सबसे अधिक 16 बार मंडी जिले में बादल फटा और 12 बार भूस्खलन हुआ। वहीं, लाहौल-स्पीति में फ्लैश फ्लड की 30 घटनाएं दर्ज की गई हैं।