New Delhi : स्टॉक मार्केट में ग्लेन इंडस्ट्रीज की जोरदार एंट्री, प्रीमियम लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट

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नई दिल्ली : (New Delhi) स्ट्रॉ और फूड कंटेनर बनाने वाली कंपनी ग्लेन इंडस्ट्रीज के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट (stock market) में जोरदार एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 97 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर 61.86 प्रतिशत प्रीमियम के साथ इसकी लिस्टिंग 157 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण कुछ ही देर में कंपनी के शेयर उछल कर 164.85 रुपये के अपर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 69.95 प्रतिशत का मुनाफा हो गया है।

ग्लेन इंडस्ट्रीज का 63.02 करोड़ रुपये का आईपीओ 8 से 10 जुलाई के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 260.28 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (qualified institutional buyers) (QIBs) के लिए रिजर्व पोर्शन 192.46 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (non-institutional investors) (NIIs) के लिए रिजर्व पोर्शन में 476.25 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 225.15 गुना सब्सक्राइब हुआ था। हालांकि कंपनी के कर्मचारियों के लिए रिजर्व पोर्शन में पूरा सब्सक्रिप्शन नहीं आ सका था। कर्मचारियों का हिस्सा सिर्फ 0.36 गुना ही सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 64,96,800 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी नई मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी (new manufacturing facility) सेटअप करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.49 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 8.58 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 18.27 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 19 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 171.28 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।