कोलकाता : (Kolkata) कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने पश्चिम बंगाल के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (Regional Passport Office) से आग्रह किया है कि वह फर्जी दस्तावेज़ों, विशेषकर फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर जारी किए गए भारतीय पासपोर्टों को तत्काल रद्द करे। पुलिस ने शुक्रवार को इस संबंध में एक औपचारिक पत्र भेजा है।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में दक्षिण 24 परगना ज़िले के गोसाबा ब्लॉक (Gosaba block of South 24 Parganas) के तहत पठानखाली इलाके में फर्जी पासपोर्ट गिरोहों के खिलाफ जांच के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस गिरोह पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार करने का आरोप है, जो फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया का पहला और अहम दस्तावेज़ होता है।
जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर कई फर्जी पासपोर्ट तैयार किए गए और उनमें से कुछ धारक भारत छोड़कर विदेशों में बस चुके हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पासपोर्ट कार्यालय से अनुरोध किया है कि ऐसे सभी पासपोर्ट बिना किसी देरी के रद्द किए जाएं।
इसके साथ ही राज्य स्वास्थ्य विभाग को भी एक अलग पत्र भेजकर उन फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को तत्काल निरस्त करने का आग्रह किया गया है, जिनकी जानकारी जांच एजेंसियों के पास मौजूद है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि फर्जी प्रमाणपत्रों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि इसी वर्ष राज्य में करोड़ों रुपये के फर्जी पासपोर्ट रैकेट (fake passport racket) की जांच के दौरान अधिकारियों ने पहली बार इस बात का खुलासा किया था कि कैसे फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर अन्य पहचान पत्र बनाए जा रहे थे। इन मामलों में सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सीमावर्ती गांवों में अवैध घुसपैठियों—खासकर बांग्लादेश से आए लोगों—को पहले सुरक्षित ठिकाने दिए जाते हैं, फिर एजेंटों द्वारा उनके लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र और राशन कार्ड तैयार कराए जाते हैं, जो आगे चलकर आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे अहम दस्तावेज़ों के लिए आधार बनते हैं।