New Delhi : कमजोर लिस्टिंग से चौंकाए निवेशक

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इंफोनेटिव सॉल्यूशंस के शेयर पहले दिन ही लोअर सर्किट पर, 24% का नुकसान
नई दिल्ली : (New Delhi)
ई-लर्निंग कंटेंट बनाने वाली कंपनी इंफोनेटिव सॉल्यूशंस ने शेयर बाजार में मंगलवार को कमजोर शुरुआत के साथ निवेशकों को निराश किया। कंपनी के शेयर बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर 20% की छूट के साथ लिस्ट हुए और कुछ ही देर में लोअर सर्किट का शिकार हो गए। इस गिरावट के चलते निवेशकों को पहले ही दिन करीब 24% का नुकसान झेलना पड़ा।

79 रुपये की जगह 63.20 पर लिस्टिंग, फिर 60.04 पर लोअर सर्किट
आईपीओ में 79 रुपये प्रति शेयर की दर से जारी किए गए शेयर मंगलवार को 63.20 रुपये पर लिस्ट हुए। लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव ऐसा रहा कि थोड़ी ही देर में शेयर 60.04 रुपये पर जाकर लोअर सर्किट में फंस गया। इस गिरावट से पहले ही दिन निवेशकों की पूंजी का बड़ा हिस्सा डूब गया।

IPO को मिला था जबरदस्त रिस्पॉन्स
इंफोनेटिव सॉल्यूशंस का 24.71 करोड़ रुपये का आईपीओ 28 मार्च से 3 अप्रैल के बीच खुला था और इसे निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। ओवरऑल यह इश्यू 4.53 गुना सब्सक्राइब हुआ था। खासतौर पर क्यूआईबी श्रेणी में यह 18.57 गुना, रिटेल में 4.25 गुना और एनआईआई श्रेणी में 2.15 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

आईपीओ से मिली राशि का होगा ये उपयोग
कंपनी ने 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 31.28 लाख नए शेयर जारी किए हैं। आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल नए प्रोडक्ट्स और कोर्सेज के विकास, लैपटॉप की खरीद, वर्किंग कैपिटल जरूरतों और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

कमाई में उतार-चढ़ाव, ताजा आंकड़ों में दिखा सुधार
कंपनी की वित्तीय स्थिति में बीते वर्षों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 2021-22 में जहां कंपनी का शुद्ध लाभ 2.23 करोड़ रुपये था, वहीं 2022-23 में यह घटकर 1.07 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि 2023-24 में इसमें सुधार हुआ और शुद्ध लाभ 1.45 करोड़ रुपये रहा।
वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2024) में कंपनी ने 3.64 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और 11.42 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।

बाजार में अनिश्चितता, निवेशक सतर्क
हालांकि आईपीओ को अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन कमजोर वित्तीय प्रदर्शन और बाजार में मौजूदा अनिश्चितता के चलते इंफोनेटिव सॉल्यूशंस की कमजोर लिस्टिंग ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आईपीओ में निवेश से पहले कंपनी के दीर्घकालिक प्रदर्शन और स्थायित्व का मूल्यांकन जरूरी है।