नई दिल्ली : (New Delhi) कांग्रेस महासचिव एवं पहली बार संसद पहुंची प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भारत के संविधान ने देश की जनता को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय का वादा करते हुए एकता, न्याय और सुरक्षा का कवच दिया है। वर्तमान सरकार इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
विपक्ष की ओर से संविधान को अंगीकृत करने की 75वीं वर्षगांठ (75th anniversary) पर आयोजित विशेष चर्चा में प्रियंका ने कहा कि निजीकरण और लैटरल एंट्री के जरिए सामाजिक न्याय से जुड़ा सुरक्षा कवच तोड़ने की कोशिश की जा रही है। अगर वर्तमान सरकार पूर्ण बहुमत से आती तो संविधान बदलने का प्रयास जारी रहता।
प्रियंका ने अपने पहले भाषण में अपने भाई राहुल गांधी की तरह जातिगत जनगणना, अडाणी और संविधान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का देश के निर्माण में बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने बैंकों और खदानों के राष्ट्रीयकरण का जिक्र किया। साथ ही सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि आज महंगाई, बेरोजगारी जैसे विषयों पर संसद में चर्चा नहीं होती है। वायनाड से लेकर ललितपुर तक देश का किसान रो रहा है।
प्रियंका ने उद्योगपति गौतम अडाणी का नाम लिया। उन्होंने कहा कि देश में हर मौका एक व्यक्ति को दिया जा रहा है और 142 करोड़ जनता को नकारा जा रहा है। ऐसा कर सरकार संविधान में मिले आर्थिक सुरक्षा कवच को तोड़ रही है।
प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राजनीतिक न्याय की बात करते हैं लेकिन पैसे के बल पर आज सरकारों को गिराया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी वाशिंग मशीन बन गई है। उन्होंने कहा, ‘यहां दाग, वहां स्वच्छता।’ संविधान को सर माथे पर लगाने की प्रधानमंत्री बात करते हैं लेकिन देश में संभल और मणिपुर न्याय की गुहार लगा रहा है और उनके माथे पर शिकन भी नहीं है। शायद उन्हें पता नहीं है कि यह संविधान है, संघ का विधान नहीं।
उन्होंने कहा कि आज देश में भय का माहौल है। देश की एकता को तोड़ा जा रहा है। मीडिया भी सरकार का एजेंडा चला रही है। यह हमें अंग्रेजों के काल की याद दिलाता है। लेकिन हर भय दिखाने वाला स्वयं भय का शिकार हो जाता है। वर्तमान सरकार भी इसी भय का शिकार है। वो चर्चा से डरती है और आलोचना से भागती है।