मुंबई : दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का कुत्तों से प्रेम जग जाहिर रहा है। उन्होंने देश में पालतू जानवरों की आबादी ज़्यादा होने के बाद भी उनके लिए उचित सुविधाएं ने होने पर चिंता जताई। इसके बाद मुंबई के महालक्ष्मी क्षेत्र में टाटा ट्रस्ट स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल खोला। रतन टाटा ने मुंबई के मशहूर होटल ताज में कुत्तों के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को हटाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। उन्होंने कुत्तों के प्रति प्रेम की वजह से 2018 में इंग्लैंड के शाही कार्यक्रम का दौरा रद्द कर दिया, जब उन्हें ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ देने के लिए आमंत्रित किया था।
दरअसल, 2018 में इंग्लैंड के राजा प्रिंस चार्ल्स ने रतन टाटा को उनके परोपकारी कार्यों के लिए सम्मानित करने का फैसला लिया। ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ देने की योजना बनाई गई थी। 6 फरवरी, 2018 को होने वाले इस कार्यक्रम के लिए बकिंघम पैलेस में सभी तैयारियां कर ली गई थीं।इस पुरस्कार से रतन टाटा व्यक्तिगत रूप से खुश भी थे लेकिन इंग्लैंड रवाना होने के दिन रतन टाटा के दो कुत्तों टैंगो और टीटो में से एक की तबीयत बिगड़ गई। इस पर रतन टाटा ने कहा कि मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता और वे उस कार्यक्रम में नहीं गए। इस बात की जानकारी जब प्रिंस चार्ल्स को हुई तो उन्होंने कहा कि यही रतन टाटा की मानवता है, जिसकी वजह से टाटा हाउस आज इस स्थिति में है।
कुत्तों के प्रेमी कॉर्पोरेट दिग्गज रतन टाटा ने 2018 में आदेश दिया था कि मुंबई के टाटा समूह मुख्यालय के बाहर आवारा कुत्तों को आश्रय दिया जाए। वे न केवल एक दूरदर्शी व्यवसायी थे, बल्कि जानवरों के प्रति उनके उत्साही, अटूट प्रेम के लिए भी जाने जाते थे। रतन टाटा ने जब भारत में पालतू जानवरों के लिए बुनियादी ढांचे की कमी देखी, तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि इतने बड़े देश में पालतू जानवरों की आबादी बहुत ज़्यादा है, फिर भी हमारे पास ऐसी सुविधा क्यों नहीं है जो पालतू जानवरों के जीवन को बेहतर बना सके। इसके बाद उन्होंने मुंबई के महालक्ष्मी क्षेत्र में टाटा ट्रस्ट स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल का शुभारंभ किया था। इस अस्पताल में 200 से अधिक बिस्तरों की क्षमता है और इसका उद्देश्य ज़रूरतमंद पालतू जानवरों को उन्नत चिकित्सा देखभाल प्रदान करना है। इतना ही नहीं, रतन टाटा ने मुंबई के मशहूर होटल ताज में कुत्तों के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को हटाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था।
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके स्वान प्रेम को ताजा किया है। अमीर होने के बावजूद उन्होंने कभी भी अपनी दौलत का दिखावा नहीं किया।