भोपाल : (Bhopal) फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर खान को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) ने नोटिस जारी किया है। मामला प्रेग्नेंसी के दौरान करीना कपूर (film actress Kareena Kapoor Khan) की लिखी किताब के टाइटल को लेकर है। ईसाई समाज ने इस पुस्तक ‘करीना कपूर प्रेग्नेंसी बाइबल’ से धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने किताब ‘करीना कपूर खान प्रेग्नेंसी बाइबल’ की को-ऑथर अदिति शाह भीमजियानी, अमेजन इंडिया और जगरनाट बुक्स से भी जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 01 जुलाई को होगी।
दरअसल, जबलपुर के सिविल लाइन निवासी क्रिस्टोफर एंथोनी ने साल 2022 में मप्र हाई कोर्ट की जबलपुर खंडपीठ में किताब को लेकर करीना कपूर के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर पहली सुनवाई अगस्त 2022 में हुई थी, तब हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को भी पार्टी बनाने के लिए कहा था। बाद में मामला कुछ ठंडा पड़ गया। एंथोनी के कोर्ट में मेमोरेंडम लगाने के बाद गत 10 मई को सुनवाई हुई। याचिका में दलील दी गई है कि नाम में बाइबल जोड़ने से ईसाई धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हुईं।
एंथोनी का कहना है कि बाइबल ईसाई धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। प्रभु यीशू की शिक्षा का वर्णन इस पवित्र पुस्तक में पाया जाता है। करीना की किताब में बाइबल का इस्तेमाल ठेस पहुंचाने वाला है। साथ ही कहा गया है कि करीना कपूर खान ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की मंशा से यह किताब लिखी है, जिसका कवर पेज भी आपत्तिजनक है। मामले में हाई कोर्ट ने करीना कपूर समेत अन्य लोगों को नोटिस जारी किया।
करीना कपूर ने 9 अगस्त 2021 को प्रेग्नेंसी पर लिखी यह किताब लॉन्च की थी। उन्होंने इस किताब को अपना तीसरा बच्चा कहा था। किताब की लॉन्चिंग पर उन्होंने ऑनलाइन करण जौहर से चर्चा की और प्रेग्नेंसी के दौरान जीवन में आए उतार-चढ़ावों पर बात की। करीना ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कुछ सवाल किए थे और कैप्शन में लिखा था कि ‘मेरी गर्भावस्था और मेरी ‘प्रेग्नेंसी बाइबल’ लिखना, यह एक यात्रा रही है।