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Dhamtari : प्रधानमंत्री जनमन योजना से कमारों के जीवन में आ रहा बदलाव

धमतरी : आधुनिक सुख सुविधाओं से दूर विशेष पिछडी जनजाति कमार अपने पारम्परिक काम जैसे टोकरी, चटाई, सूपा झाड़ू तथा रोजी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते आये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप देश की विशेष पिछड़ी जनजातियों को शासन की योजनाओं का लाभ देकर इनके जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना की शुरुआत की गई है, जिसका सकारात्मक असर अब कमार जनजाति वर्ग के लोगो के जीवन में दिखाई देने लगा है।

अब वे भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जन मन योजना अंतर्गत हर कमार और विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में उनकी मूलभूत सुविधाओं के लिए विशेष पहल की गई है । जिसमें आवास, स्वच्छ पेयजल, बसाहटो तक जाने के लिए पक्की सड़कें, विद्युत, शौचालय, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। जिले के नगरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम दुगली एक ऐसा ही गांव है जहां कमार समुदाय सैकड़ो वर्ष तक मुख्य बस्ती से अलग रहते हुए एक विशेष टोला में निवास कर रही है । इन परिवारों के पास कुछ वर्ष पहले तक ना तो पक्का आवास था और न शुद्ध पेयजल की उपलब्धता थी। शिक्षा का भी स्तर कुछ खास नहीं था। प्रदेश अध्यक्ष कमार समाज रमेश धनुरधारी ने बताया कि कमार समाज सदियों से अल्प सुविधाओं में जीवन बसर करता आया हैं, आधुनिक सुविधाएं हम से कोसो दूर थी। पक्का मकान, बिजली, पानी अच्छी सड़क, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मानो एक सपना हो। देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी के कारण अब ये सुविधाएं हमें आसानी से मिल पा रही हैं। इन सुविधाओं का लाभ लेकर हम भी देश के विकास में सहभागी बनना चाहते है। जिलाध्यक्ष कमार समाज बुधलाल नेताम बताते हैं की शासन द्वारा हर कमार परिवार को कमारो के पारम्परिक घरों की तरह पक्का आवास दिया जायेगा आवास मिलने से जहां हमें रहने के लिए घर मिलेगा, जिसमे हम अपनी संस्कृति, रीति रिवाजो को सहेज कर ख़ुशी से रह पाएंगे।

कमार जनजाति की महिला सरपंच बीरन बाई बताती है कि एक समय हम झरिया का पानी पीने के लिए मजबूर थे। नदी, तालाब के किनारे हम गढ्ढा खोदकर पानी रिसने का इंतजार करते थे, बूंद बूंद पानी के लिए हमें बहुत जद्दोजहत करनी पडती थी। आज हमारे घर में नल है हमें शुद्ध पानी पीने को मिल रहा है। वही मनकी कमार बताती है कि हम लोग सुबह से लकड़ी लाने जंगल जाते थे लकड़ी लाकर खाना बनाना पड़ता था, बरसात के दिनों में बहुत परेशानी होती थी l लेकिन आज हमारे पास प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना अंतर्गत गैस मिला हुआ है ।अब हम लकड़ी पर आश्रित ना होकर गैस में खाना बना रहे हैं। समूह से जुड़कर अब काम भी करने लगे हैं।मनरेगा से काम भी मिलता है।

आज कमार बस्ती अपने सांस्कृतिक परंपरा और विरासत को सहेजते हुए भी विकास की ओर अग्रसर हैं ।अब उनके बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि हम लोग बांस से बने सूपा और टोकरी बना कर और उसे बेचकर अपनी आजीविका चलाते थे।अब महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अंतर्गत अब हमे गांव में ही रोजगार भी मिला है।

ज्ञातव्य है कि धमतरी जिले में धमतरी, मगरलोड और नगरी विकासखंड के 122 बसाहतो में 1685 परिवार के 6339 विशेष पिछड़ी जनजाति कमार निवासरत है।

इन सभी गांव के पारो और टोलों में शिविर लगाकर योजना की पहुंच और लाभ सुनिश्चित की गई है। योजना से कमार बस्ती को अब पक्की सड़क से जोड़ने की योजना भी है। कलेक्टर सुश्री नम्रता गाँधी ने जिन बसाहट में 100 से अधिक सदस्य हैं उन बसाहट को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए प्रस्ताव मंगाए हैं। इसी तरह केंद्र और राज्य सरकार की अन्य जनकल्याण कारी योजनाओं के क्रियान्वयन से भी इन बस्तियों की तस्वीर बदलने लगी है । गौरतलब है कि विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत विभिन्न विभागों के समन्वय से पेयजल, आवास, सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, छात्रावास निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण, वनधन केंद्र की स्थापना, आधार कार्ड,आयुष्मान कार्ड , पक्का आवास, नल जल योजना,इंटरनेट एवं मोबाईल सर्विस की उपलब्धता तथा आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास सहित महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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