अररिया : (Araria) सूर्योपासना और लोक आस्था का महापर्व (great festival of sun worship) की शुरुआत नहाय खाय के साथ शुरू हुई।छठ पूजा करने वाले व्रतियों ने आस्था और शुद्धता के साथ नहाय खाय के दिन बनने वाले अरवा खाना को बनाया और प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण किया।
नहाय खाय को लेकर सुबह से छठव्रती उत्साहित रही।सुबह सुबह घरों की साफ सफाई और धुलाई करने के बाद स्नान करने के बाद कद्दू भात की तैयारी में जुट गई।छठव्रती सहित परिवार वालों ने प्याज लहसुन के बिना सेंधा नमक में सात्विक अरवा खाना प्रसाद (Chhathavrati prepared Satvik Arwa Khana) के लिए तैयार की।प्रसाद के रूप अरवा भोजन के निर्माण के दौरान छठव्रती सूर्योपासना से जुड़ी लोक गीत गुनगुनाती रही।
प्रसाद निर्माण के बाद सबसे पहले छठव्रती ने प्रसाद ग्रहण किया और उसके बाद घर के अन्य सदस्यों के साथ साथ अगल बगल के लोगों ने भी नहाय खाय का प्रसाद ग्रहण किया।वहीं कई छठव्रतियों ने नदी और नहर के किनारे घाट के पास ही नहाय खाय का प्रसाद बनाते देखे गए।
नहाय खाय के दिन अरवा कद्दू भात खाने की पुरानी परंपरा है।जिसका निर्वहन छठव्रतियों द्वारा किया गया।कद्दू की खरीददारी के लिए सुबह में सब्जी बाजार में बड़ी संख्या में कद्दू के खरीददार जमा हुए।जिसको लेकर कद्दू का बाजार गर्म रहा।लेकिन आस्था के सामने महंगाई कमजोर रही और महंगाई पर आस्था भारी रहा।
लोगों ने सामर्थ्य के अनुसार कद्दू सहित अन्य समानों की खरीददारी की।वहीं कई उन्नतशील किसान और समाजसेवियों द्वारा नहाय खाय को लेकर छठव्रतियों के बीच कद्दू का वितरण भी किया गया।प्रसाद निर्माण के बाद छठव्रतीयों ने सेंधा नमक में पका अरवा भोजन ग्रहण की।