लखनऊ : उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम व वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बुधवार को कहा है कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को परम्परागत शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को रोजगार परक बनाने तथा बच्चों में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिये ए.आई. का सक्रिय सहयोग लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कार्यशाला के आयोजन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग तथा इससे जुड़े आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि समाज की गरीबी एवं अन्य समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षा जरूरी है। इसलिए गुरुजनों की महती जिम्मेदारी है कि अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हुये प्रधानमंत्री के सपनों का उत्तर प्रदेश बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें।
धर्मपाल सिंह बुधवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर, लखनऊ में राज्य शैक्षिक अनुसंधान औऱ प्रशिक्षण परिषद उ0प्र0 लखनऊ द्वारा आयोजित एन.ई.पी-2020 की संस्तुतियों के क्रियान्वयन के संबंध में प्राचार्य एवं डायट प्रवक्ताओं की अभिमुखीकरण कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को भी समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये क्रान्तिकारी कदम उठाये हैं। मुझे प्रसन्नता है कि विभिन्न बोर्डों की सहभागिता के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर मदरसा शिक्षा परिषद ने एक दूरगामी निर्णय किया है।
इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि आज की इस कार्यशाला का आयोजन नई शिक्षा नीति को लेकर किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में बच्चों के पठन-पाठन के तरीकों का नया रूप दिया गया है। जिसके माध्यम से बच्चों को सर्व समावेशी शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी प्रदान किया जाय। उन्होंने तकनीकी शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।
संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षक बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें इसका भी ध्यान अवश्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि दुनिया में भारत को सबसे श्रेष्ठ राष्ट्र बनाना है। इसको ध्यान में रखते हुए हम सबको मेहनत से कार्य करना है। बेसिक शिक्षा विभाग निरंतर बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने में स्कूल में सभी आवश्यक व्यवस्था कराए जाने का कार्य भी किया जा रहा है।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के पाठ्यक्रम में ए.आई. को शामिल करने से उनकी बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आगे की शिक्षा तथा रोजगार के नये द्वार खुलेंगे।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डाॅ. एम.के.एस. सुन्दरम् द्वारा कार्यशाला के आयोजन हेतु एस.सी.ई.आर.टी. को बधाई दी गयी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शिक्षा मे सतत् सुधार तथा ए.आई. के बेहतर उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शिक्षा की उन्नति के लिये डायट्स को और अधिक सक्रिय बनाने तथा शिक्षा में नये प्रयोग अपनाने पर जोर दिया।