भारतीय ड्रोन उद्योग की पूरी क्षमता के साथ 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन करेगा
मेहर बाबा प्रतियोगिता की पहल से दो साल के भीतर भारत में ड्रोन का प्रचलन बढ़ा
नई दिल्ली: (New Delhi) रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया के कई देशों ने ड्रोन की अहमियत समझी है और पिछले कुछ सालों से इसकी लोकप्रियता पूरे विश्व में तेजी से बढ़ी है। भारत समेत कई देश खुद ड्रोन बनाना शुरू कर चुके हैं, जिससे देश की ताकत बढ़ेगी। भारत के सैन्य क्षेत्र में ड्रोन तकनीक ने क्रांति ला दी है। भारत का ड्रोन उद्योग 25-26 सितंबर को वायु सेना के हिंडन एयरबेस पर लाइव हवाई प्रदर्शन करेगा।
भारतीय सशस्त्र बल खुफिया निगरानी और टोही कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर दूर से संचालित विमान का उपयोग करते हैं। इधर, दो साल के भीतर भारत में भी ड्रोन का इस्तेमाल और विकास क्षमताओं में इसका विश्वास मेहर बाबा स्वार्म ड्रोन प्रतियोगिता जैसी पहलों से पैदा हुआ है। इस प्रतियोगिता का नाम दिवंगत एयर कमोडोर मेहर सिंह के सम्मान में रखा गया था। स्वदेशी क्षमता का इस्तेमाल करके इस प्रतियोगिता के तीसरे चरण की तैयारियां भी चल रही हैं।
सबसे पहले अक्टूबर 2018 में लॉन्च की गई मेहर बाबा स्वार्म ड्रोन चुनौती का उद्देश्य आपदा राहत कार्यों की प्रतिक्रिया सहित विभिन्न डोमेन के उपयोग के लिए स्वार्म ड्रोन के विकास को प्रोत्साहित करना था। स्वार्म ड्रोन-आधारित प्रणाली विकसित करने को लेकर स्टेट-अप्स के लिए ‘मेहर बाबा’ स्वार्म ड्रोन प्रतियोगिता का दूसरा संस्करण 6 अप्रैल 2022 को लॉन्च किया गया था। इन मानवरहित प्लेटफार्मों का उपयोग करने में अपने समृद्ध अनुभव का फायदा उठाने के लिए वायुसेना ‘भारत ड्रोन शक्ति 2023’ की सह-मेजबानी ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी कर रही है।
वायुसेना के विंग कमांडर आशीष मोघे के मुताबिक 25 और 26 सितंबर को यह कार्यक्रम वायु सेना के हिंडन (गाजियाबाद) एयरबेस पर आयोजित किया जाएगा, जहां भारतीय ड्रोन उद्योग लाइव हवाई प्रदर्शन करेगा। इसमें भारतीय ड्रोन उद्योग की पूरी क्षमता के साथ 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन करेगा, जिसमें सर्वेक्षण ड्रोन, कृषि ड्रोन, आग दमन ड्रोन, सामरिक निगरानी ड्रोन, हेवी-लिफ्ट लॉजिस्टिक्स ड्रोन, लोटरिंग मूनिशन सिस्टम प्रदर्शित होंगे।
विंग कमांडर मोघे के मुताबिक इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार, राज्य विभागों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों, सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, मित्र देशों के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, छात्रों और ड्रोन उत्साही लोगों सहित लगभग 5,000 लोगों के आने की उम्मीद है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘भारत ड्रोन शक्ति’ 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने की भारत की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगा।