नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करने जा रहे हैं। इससे परंपरागत उद्योगों में लगे बहुत से लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी कुछ समय पहले विश्वकर्मा योजना को कैबिनेट में मंजूरी दी थी और योजना के लांच होने के बाद में हमारे विश्वकर्मा भाइयों को आगे बढ़ने का एक बहुत ही अच्छा माध्यम मिलेगा।
दिल्ली के छतरपुर स्थित अध्यात्म साधना केंद्र में शुक्रवार को लघु उद्योग भारती का एकदिवसीय बड़ा ‘उद्यमी संगम’ आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, रेलमंत्री वैष्णव, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी पहुंचे। इस दौरान आगामी दो वर्ष के लिए घनश्याम ओझा को संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष और ओम प्रकाश गुप्ता को महासचिव चुना गया।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे में लघु उद्योग से सीधी खरीद 12000 करोड़ हो गई है और यह हर वर्ष लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई ऐसे नीतिगत फैसले लिए हैं जिससे यह संभव हुआ है। सभी तरह की खरीद को ऑनलाइन कर दिया गया है। इससे बहुत लोगों का प्रभाव कम हो गया।
डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि जिन उत्पादों को बड़ी गुणवत्ता नहीं चाहिए उनके लिए हम आरक्षण दें। उन्होंने खादी को लेकर देश में आजादी के समय बने माहौल का जिक्र किया और कहा कि देश में करोड़ों लोग खादी के काम में स्थाई रूप से लगे हैं। इससे उनकी दो समय की रोटी चल रही है। उन्होंने कहा कि देश को स्वावलंबी बनाते समय हमें सबसे पहले विचार करना होगा कि हमारी परिस्थितियां कैसी हैं, हमारी जनसंख्या कितनी है और हमारे पास क्या है। जब हम लघु उद्योगों की बात करते हैं तो इससे व्यक्ति को अपने घर के पास में कहीं रोजगार मिल जाता है। इससे परिवार चलाने में भी आसानी होती है।
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ को बढ़ावा दे रहे हैं। किसी को उपहार देते समय उसकी खासियत बताते हैं जैसे ये मुरादाबाद के पीतल का बर्तन है। अलीगढ़ का ताला है। वे जिले को उसकी खासियत के आधार पर प्रमोट करते हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। लघु उद्योग भारती इसकी नींव रख रहा है। लघु उद्योग भारती के महासचिव मुकेश अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम में देशभर के उद्यमी आए। सभी अपनी दिक्कतें भी साझा कर रहे हैं।