चितौड़गढ़ : रेलवे के डीजल टैंक के पास शनिवार को आग लग जाने के कारण हड़कंप मच गया। डीजल टैंक में आग लगने की आशंका से हर कोई अलर्ट हो गया। बाद में दमकल को मौके पर बुलाया गया। दमकल की सहायता से आग पर काबू पा लिया गया। वहीं क्षेत्र के लोगों ने रेलवे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आसपास की कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि रेलवे के डीजल टैंक से डीजल लीकेज होता है जो कि नालियों में भरा हुआ है। इसी में अज्ञात कारणों के चलते आग लगी है। वही जमीन में लगातार डीजल का लीकेज होने के कारण सारे नलकूप बेकार हो गए हैं। यहां का पानी पीने लायक नहीं है।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन के पीछे की तरफ रनिंग रूम है। इसके पास में ही डीजल स्टोरेज के लिए वर्षों से टैंक स्थापित किया हुआ है। इसके पीछे की ओर रेलवे की कॉलोनी और खमेसरानगर की घनी आबादी है। यहां रेलवे के टैंक से डीजल का लीकेज होता रहता है, जो नाले और नालियों में भरा हुआ था। शनिवार दोपहर में अज्ञात कारणों के चलते नाली में भरे पानी में अचानक से आग लग गई। नाली में भरे पानी में आग लग रही थी जिसे देख कर कुछ लोगों को तो हुआ आश्चर्य हुआ लेकिन क्षेत्र के लोगों को जल्दी पता चल गया कि डीजल टैंक से नाली में डीजल जमा था, उसमें आग लगी है। इस पर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो आग डीजल टैंक तक पहुंच सकती है, जिससे रेलवे को और आस पास की कॉलोनी के लोगों को काफी नुकसान होगा और जनहानि से भी इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में रेलवे के अधिकारियों को सूचना दी गई और पुलिस कंट्रोल रूम भी सूचित किया। इस पर नगर परिषद की एक दमकल मौके पर पहुंची है। इस दमकल की सहायता से नालों में लगी आग पर काबू पा लिया गया। यहां रेलवे के निकट से गुजर रही नालियों में काफी डीजल भरा हुआ था। ऐसे में धुएं के गुबार एक किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रहे थे। मामले की जानकारी मिली तो रेलवे सुरक्षा बल के थानाधिकारी नाथूराम जाट मौके पर पहुंचे हैं और मौका देखा है। बाद में रेलवे के अन्य अधिकारी भी मौके पर आए हैं। यहां गहनता से मौका देखा गया है। इस दौरान लोगों ने काफी गंभीर आरोप रेलवे पर लगाए हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि कई बार शिकायत देने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है।
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि वर्षों से डीजल टैंक से डीजल लीकेज की शिकायत सामने आ रही है। गत दिनों भी नाली वह निकट स्थित नाले में बह कर आए डीजल में आग लग गई थी तो रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। साथ ही इसे छिपाने के लिए नाले में मिट्टी डाल दी, जिसका असर यह हुआ कि डीजल पहले बह कर चला जाता था वह अब नाले में ही पानी के साथ एकत्रित होने लग गया।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हमेशा खमेसरानगर, रेलवे कॉलोनी के कई परिवारों ने नलकूप खुदवा रखे हैं। लेकिन यह सभी बेकार हो गए हैं। इसके पीछे कारण यह है कि रेलवे के टैंक से डीजल जमीन में उतर रहा है और नलकूप में आ रहा है। ऐसे में नलकूप का पानी खराब होकर पीने लायक नहीं है। ऐसे में सभी को पानी की पूर्ति जलधारा के माध्यम से आर ओ की कैन लेनी पड़ रही है।