Jaisalmer : पशुविज्ञान, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर आईआईटी जोधपुर और जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया मिलकर काम करेंगे

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जैसलमेर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर और जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया पशु विज्ञान, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर जीव-जंतुओं से संबंधित डेटा एकत्र करने, अध्ययन करने और आपस में साझा करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। यह सहयोग संयुक्त फील्डवर्क अभियानों के संचालन, रेगिस्तानी वातावरण के जीवों की पहचान करने और फिनोमिक्स वातावरण के आधार पर जलवायु परिवर्तन के लिए मॉडल विकसित करने में सहायता करेगा। इस साझेदारी के माध्यम से आईआईटी जोधपुर भविष्य में जीव और पशुविज्ञान संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं और क्षमता-निर्माण कार्यशालाओं को पूरा करने में भी मदद करेगा।

इस अवसर पर आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शान्तनु चौधरी ने एमओयू पर हस्ताक्षर करते समय अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह सहयोग बहु-विषयक विज्ञान के संदर्भ में देशभर में विज्ञान के विकास को बढ़ावा देगा। इस समन्वय से एआई और डेटासाइंस के साथ-साथ इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं का उपयोग देश की वनस्पतियों और पशु-पक्षी संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। यह आईआईटी जोधपुर की प्रतिबद्धता है कि वह जीव विज्ञान संरक्षण के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों और नवाचारों को लाने की दिशा में काम करेगा और इसके लिए न केवल भौतिक क्षेत्र में बल्कि डिजिटल क्षेत्र में भी पहचान बनाने और निर्माण करने की कोशिश करेगा। वैज्ञानिक विकास में इस सहयोग के सकारात्मक और शानदार परिणाम होंगे। प्रोफेसर मिताली मुखर्जी ने बताया कि जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पास पूरे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में सबसे बड़ा पशुओं का भंडार है। भारत में पाए जाने वाले 1,00,000 से अधिक पशुओं की प्रजातियों के साथ यह वैज्ञानिक समुदायों को कई नई और स्थानीय प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। जेडएसआई भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला भारत का प्रमुख पशु वैज्ञानिक वर्गीकरण संस्थान है।