Banda : हाथों में डंडा लेकर दूसरे दिन भी डटी रहीं गांव की महिलाएं

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बांदा : जिले के राजाराम के पुरवा में सड़क, स्कूल, बिजली की मांगों को लेकर गांव में चलाए जा रहे महिलाओं का अनूठा सत्याग्रह आंदोलन दूसरे दिन(गुरुवार) भी जारी रहा।

सत्याग्रह में बैठी महिलाओं ने एक स्वर मे कहा स्कूल, सड़क, बिजली,आंगनबाड़ी, केंद्र प्रत्येक गांव की बुनियादी सुविधाएं हैं। इन्हीं सुविधाओं से सशक्त समाज का निर्माण होता है। किंतु हमारे गांव का दुर्भाग्य है यहां कुछ भी नहीं है। हमारे देश की राष्ट्रपति महिला हैं, जिले के जिलाधिकारी महिला हैं। इसके बावजूद हमारे गांव में विकास नहीं हो पा रहा है।

महिलाओं ने कहा कि अपने गांव के विकास के लिए संघर्षों के मार्ग पर निकल पड़ी हूं। अब यह कदम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाएंगी। हम राष्ट्रपति को भी पत्र लिख कर अपने सत्याग्रह आंदोलन से अवगत कराएंगे।

उधर महिलाओं के सत्याग्रह में गांव के पुरुष व बच्चे भी समर्थन में खड़े हो गए हैं। गांव के पुरुषों व बच्चों ने आज अर्धनग्न होकर उपवास किया तथा महिलाओं के सत्याग्रह का समर्थन किया।

मनोज कुमार ने कहा कि गांव में स्कूल नहीं है। इस कारण से गांव के एक भी बच्चा स्कूल नहीं जा पाता। संपर्क मार्ग के लिए वर्षों से शासन-प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन आज तक समाधान नहीं हुआ। अब महिलाओं को लोक हितकारी आवाज को दबाने नहीं दिया जाएगा।

उधर बांध बाबा का पुरवा, भग्गू का पुरवा, विधाता पुरवा, मारी पुरवा, भरता पुरवा, डगरा पुरवा, निबी, पिपरहरी गांव की नीलम, अर्चना, सुधा, विमला, सुनैना, मीरा, भोलिया, राजकुमारी, श्यामा, केता, सुमन आदि सैकड़ों महिलाओं ने अपने-अपने गांव में बैठक कर सत्याग्रह कर रही महिलाओं का समर्थन किया तथा उनके समर्थन में गांव-गांव ने सत्याग्रह करने की रणनीति बनाई।

सत्याग्रह का नेतृत्व कर रही बंदना ने कहा की सत्याग्रह से जुड़ी महिलाओं का जत्था जल्द ही लखनऊ को प्रस्थान करेगा। उसके लिए सत्याग्रही महिलाओं का प्रतिनिधि मंडल गांव-गांव में जाकर अपनी समस्याओं के विषय में लोगों को बताएंगे तथा लोगों को समर्थन मांगेंगे। श्यामकली ने कहा कि जल्दी ही पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा हम सभी के साथ शेयर करेंगे।