Bhuj / Ahmedabad : बिपरजॉय से जनहानि रहित बचाव कार्य टीम वर्क का क्लासिक उदाहरण: अमित शाह

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने सरकार की जमकर की सराहना

भुज/अहमदाबाद : केन्द्रीय सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में बिपरजॉय चक्रवाती तूफान से राहत और बचाव कार्य पर संतोष जताते हुए राज्य सरकार की जमकर सराहना की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र कर कहा कि उन्होंने रात के एक-एक बजे तक छोटी-छोटी बातों को लेकर सचेत किया। शाह ने कहा कि चक्रवाती तूफान से निपटने में मुख्यमंत्री से लेकर गांव के पटवारी, आम लोग से लेकर प्रधानमंत्री और चुने हुए जनप्रतिनिध, संस्थाओं के बलबूते कम से कम नुकसान के साथ इस चक्रवाती तूफान का सामना किया जा सका है।

इससे पूर्व भुज कलक्टर कार्यालय में राज्य सरकार के मंत्री, अधिकारियों, विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ केन्द्रीय मंत्री शाह ने हाइब्रिड मोड में रिव्यू मीटिंग की। शाम में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 6 जून को जब बिपरजॉय चक्रवाती तूफान का समाचार आया तब से बहुत सारी आशंकाएं थी, लेकिन सजगता के साथ समय पर मिली सूचना का कैसे उपयोग कर टीम वर्क से लोगों के जानमाल की सुरक्षा की जा सकती है, इसका यह क्लासिक उदाहरण है। हवा की 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जब साइक्लोन लैंड करता है, इसके बावजूद एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाना, मन को संतोष और आनंद प्रदान करता है। साथ ही उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री समेत पूरी टीम को बधाई दी। शाह ने बताया कि चक्रवात में सिर्फ 47 लोग घायल हुए हैं, इनमें एक भी ऐसा नहीं जिसे स्थाई अपंगता हुई हो। वहीं 234 पशुओं की मौत हुई है।

20 जून तक सभी को घर वापस कराएंगे

शाह ने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार जब भी 50 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से हवा बहती है तो वहां की बिजली काट दी जाती है। इस दौरान जितने गांवों की बिजली काटी गई उनमें से 1600 गांवों में दोबारा बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। 20 जून की शाम तक बाकी सभी गांवों में बिजली व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी। इसके अलावा 19 जून की शाम तक सभी विस्थापित को उनके घरों को पहुंचा दिया जाएगा।

पूर्व योजना के कारण टाला जा सका बड़ा नुकसान

शाह ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार की सतत निगरानी के कारण आपदा से पहले ही बचाव का कार्य कर लिया गया। इसके तहत प्रभावित क्षेत्रों से 1206 गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया और उनकी देखरेख की गई। 3 दिन के भीतर 707 सफल प्रसूति कराई गई। यह संवेदना का बड़ा उदाहरण है। 1 लाख 8 हजार 200 लोगों को तूफान आने से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 73000 पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। 3 लाख 27 हजार वृक्षों को पहले से ट्रीमिंग कर उन्हें गिरने से रोकने का प्रयास हुआ। इसके अलावा 21 हजार 585 बोटों में सवार करीब एक लाख मछुआरों को तूफान से पूर्व ही समुद्र से बाहर निकाला गया। इसमें एनडीआरएफ की 19, एसडीआरएफ की 13 और 2 रिजर्व पुलिस बल के साथ स्टेट पुलिस ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। नमक बनाने वाले श्रमिकों को भी तूफान पूर्व ही सुरक्षित कर दिया गया।

प्रेस कांफ्रेंस में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल, मुख्य सचिव राजकुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।