New Delhi : धर्म के आधार पर लोगों के बीच विभाजन नहीं होना चाहिए : स्मृति ईरानी

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New Delhi: There should be no division between people on the basis of religion: Smriti Irani

नयी दिल्ली : (New Delhi) अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक निजी संकल्प का विरोध करते हुए कहा कि देश में धर्म के आधार पर लोगों के बीच विभाजन नहीं होना चाहिए और मौजूदा सरकार सभी तबकों को साथ लेकर ‘‘न्यू इंडिया’’ की दिशा में काम कर रही है जो समावेशी और समता पर आधारित है।स्मृति ईरानी उच्च सदन में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल वहाब के एक निजी संकल्प पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप कर रही थी। बहाव द्वारा लाया गया संकल्प सच्चर समिति की रिपोर्ट के क्रियान्वयन से संबंधित था। बहाव ने इस संकल्प के जरिए मुसलमानों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार से विभिन्न कदम उठाने का आग्रह किया था।

स्मृति ईरानी ने इस संकल्प का विरोध करते हुए कहा कि इसमें नागरिकों और संविधान पर आक्षेप का प्रयास किया गया है। उन्होंने समाज के सभी तबकों के समावेश पर बल देते हुए कहा कि यह सरकार तीन दशकों के बाद नयी शिक्षा नीति लेकर आई है जिसे गहन विमर्श के बाद तैयार किया गया है। उन्होंने नयी शिक्षा नीति को समावेशी बताते हुए कहा कि अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न स्तरों पर एवं विभिन्न पक्षों से गहन विचार-विमर्श किया।उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों के कौशल विकास को संस्थागत रूप दिया है और ‘‘न्यू इंडिया’’ के निर्माण की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘‘न्यू इंडिया’’ को धर्म के आधार पर नहीं तोड़ना चाहिए।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अजय प्रताप सिंह ने भी बहाव के संकल्प का विरोध किया और कहा कि सच्चर समिति के गठन को अदालत में चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में उस समिति की रिपोर्ट मानने योग्य नहीं है।संकल्प पर चर्चा 10 फरवरी को शुरु हुई थी।ईरानी के संबोधन के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने चर्चा का जबाव देने के लिए अब्दुल बहाव का नाम पुकारा। लेकिन उस समय बहाव सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे।

बाद में उच्च सदन ने ध्वनिमत से बहाव के संकल्प को नामंजूर कर दिया।
इसके बाद सभापति ने अपने निजी संकल्प पेश करने के लिए कांग्रेस सदस्यों शक्तिसिंह गोहिल व विवेक तन्खा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम और वी शिवदासन तथा भाजपा के सुशील कुमार मोदी के नाम पुकारे। लेकिन ये सभी सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे जिसके कारण उनके संकल्प पेश नहीं हो सके।इस वजह से सदन की कार्यवाही निर्धारित समय से पहले ही अपराह्न तीन बजकर करीब 50 मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी।