Washington : अमेरिका ने रूस की बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाए

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वाशिंगटन : (Washington) अमेरिका ने रूस की सबसे प्रमुख दो बड़ी तेल कंपनी रोसनेफ्ट और लुकोइल (Rosneft and Lukoil) पर प्रतिबंध लगा दिए। यह घोषणा खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का फैसला लेना पड़ा। प्रतिबंध लगाने की घोषणा बुडापेस्ट में दोनों नेताओं की मुलाकात की योजना के विफल होने के बाद की गई।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन पर मॉस्को के व्यापक आक्रमण के बाद से रूसी ऊर्जा क्षेत्र के विरुद्ध अमेरिका का यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि वह अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार रूस पर महत्वपूर्ण नए प्रतिबंध लगा रहे हैं। नए प्रतिबंधों की घोषणा ठीक उसी समय की गई जब राष्ट्रपति ओवल ऑफिस में नाटो के महासचिव मार्क रूट (Oval Office with NATO Secretary General Mark Rutte) के साथ बैठे। रूट यूरोपीय नेताओं के एक गठबंधन की ओर से ट्रंप से मिलने वाशिंगटन आए थे।

अमेरिकी वित्तमंत्री स्कॉट बेसेंट (US Treasury Secretary Scott Bessant) ने एक बयान में कहा, “अब समय आ गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम तत्काल लागू किया जाए।” इस घोषणा में तेल कंपनियों को “क्रेमलिन की युद्ध मशीन” का दोहरा इंजन बताया गया है। उधर, ट्रंप की रूसी नेता के प्रति नाराजगी बुधवार को साफ दिखी। उन्होंने कहा, “जब भी मैं व्लादिमीर से बात करता हूं, अच्छी बातचीत होती है और फिर वे आगे नहीं बढ़ते।”

ट्रंप ने बुडापेस्ट शिखर सम्मेलन (Budapest summit) को रद्द करने के फैसले के बारे में कहा, “मुझे नहीं लगा कि हम उस मुकाम पर पहुंच पाएंगे जहां हमें पहुंचना था। इसलिए मैंने इसे रद्द कर दिया।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का यह बिलकुल सही समय है। महत्वपूर्ण यह है कि ट्रंप के पूर्ववर्ती जो बाइडेन ने अमेरिकी सहयोगियों के दबाव के बावजूद रूसी तेल की कानूनी खरीद की अनुमति देने के लिए इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने से परहेज किया। ट्रंप प्रशासन के इन कदमों से रूस के तेल राजस्व में भारी गिरावट आ सकती है।

अमेरिका के इस फैसले पर अटलांटिक काउंसिल के फेलो डैनियल टैनबाम ने कहा, “ये प्रतिबंध एक बड़ा कदम हैं, लेकिन उन्हें तीसरे देशों पर या तो द्वितीयक प्रतिबंधों का इस्तेमाल करना होगा, या सख्त चेतावनी देनी होगी।” वह कहते हैंं कि द्वितीयक प्रतिबंध उन देशों पर लागू होंगे जो रूस के साथ वित्तीय व्यापार करते हैं। उल्लेखनीय है कि पांच दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की (Ukrainian President Zelensky) ट्रंप से मिलने हाउस आए थे। परदे के पीछे यह मुलाकात कुछ खास अच्छी नहीं रही। ट्रंप ने जेलेंस्की पर रूस को जमीन देने का दबाव डाला ताकि पुतिन की शर्तों पर युद्धविराम लागू हो सके। अगस्त में अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बाद ऐसे प्रयास भी किए गए।