Washington : मध्यावधि चुनाव परिणाम का भारत और अमेरिका के संबंध पर कोई असर नहीं पड़ेगा: विशेषज्ञ

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Washington: Mid-term election results will have no bearing on India-US relations: Experts

वाशिंगटन: (Washington) अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के नतीजों का भारत और अमेरिका के संबंध पर कोई असर नहीं पड़ेगा और अगले साल इन्हें गति मिल सकती है।कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका के मध्यावधि चुनाव के नतीजों का असर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बाकी बचे दो साल के कार्यकाल पर यकीनन पड़ेगा।

कांग्रेस के दो सदन सीनेट और प्रतिनिधि सभा के लिए आठ नवंबर को मतदान हुआ था। कांग्रेस ही देश के लिए कानूनों को पारित करती है।अमेरिकी मीडिया की खबरों के अनुसार, प्रतिनिधि सभा की 435 सीट में से रिपब्लिकन ने 210 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि राष्ट्रपति बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी को अभी तक 192 सीट मिली हैं। वहीं 100 सदस्य सीनेट में रिपब्लिकन ने 48 और डेमोक्रेटिक पार्टी ने 46 सीट पर जीत दर्ज की।‘सीएसआईएस’ थिंक-टैंक के रिक रोसो ने कहा कि चुनाव के नतीजों और सीनेट में किसका बहुमत है इसका असर अमेरिका और भारत के संबंधों पर नहीं पड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ दिपक्षीय संबंधों को दोनों दलों का समर्थन मिलता रहा है। क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को लेकर चिंता जैसे साझा हित के मुद्दे हमें जोड़ते हैं और इस पर इनका कोई असर नहीं होगा। रिपब्लिकन ने हिंद-प्रशांत में पेश होने वाले खतरों को लेकर हमेशा ही अधिक आक्रामक रुख अपनाने पर जोर दिया है।रोसो ने कहा, ‘‘ कांग्रेस के मुद्दे वहीं रहेंगे। सबसे पहले हम चाहते हैं कि सीनेट भारत में अपने राजदूत की नियुक्ति करे।’’

‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल’ के अध्यक्ष अतुल कश्यप ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध कई वर्षों के निरंतर द्विदलीय समर्थन को दर्शाते हैं। कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर दोनों देशों को काम करने की जरूरत है जिन पर दलों का रुख राजनीतिक रूप से नहीं बदलता।कश्यप ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर साझेदारी के बढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं।’’

‘यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ के अध्यक्ष मुकेश अघी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी इस बात को लेकर एक राय रखती है कि भारत के साथ सुरक्षा और वाणिज्यिक संबंध पहली प्राथमिकता है… ‘‘खासकर हिंद-प्रशांत में चीन को रोकने के लिए भारत के साथ तालमेल जरूरी है। वाणिज्यिक, रक्षा और व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए क्वाड, आई2यू2 और आईपीईएफ में भी तालमेल कायम किया गया है।’’‘हडसन इंस्टीट्यूट’ थिंक टैंक की अपर्णा पांडे ने कहा कि अमेरिका के मध्यावधि चुनाव के परिणाम विदेश नीति में निरंतरता सुनिश्चित करेंगे और भारत सहित अन्य देशों में इसका स्वागत किया जाएगा।