Washington : भारत पर भारी आयात शुल्क लगाना “एक बड़ी रणनीतिक भूल” -पूर्व अमेरिकी वाणिज्य मंत्री

0
28

वॉशिंगटन : (Washington) अमेरिका की पूर्व वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो (Former US Commerce Secretary Gina Raimondo) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत के प्रति अपनाई जा रही ‘व्यापार नीति’ की कड़ी आलोचना (strongly criticized President Donald Trump’s trade policy) करते हुए कहा है कि भारत सहित अपने घनिष्ठ साझीदारों पर भारी आयात शुल्क लगाना “एक बड़ी रणनीतिक भूल” है, जिससे अमेरिका “फर्स्ट” बनने की बजाय अपने सहयोगियों को नाराज़ करके अपने को अलग-थलग कर रहा है।

रायमोंडो ने मैसाचुसेटस में हार्वड कैनेडी स्कूल (Harvard Kennedy School in Massachusetts) में आयाेजित एक साक्षात्कार के दाैरान यह बात कही। साेशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उपलब्ध इस साक्षात्कार में उन्हाेंने कहा कि ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति ने ‘अमेरिका अलोन’ (America Alone) की शक्ल ले ली है , जिससे अमेरिका की वैश्विक साख और साझीदारी दोनों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ एक बड़ी गलती कर रहे हैं। भारत न केवल एक विशाल बाजार है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का अहम रणनीतिक साझीदार भी है।”

पूर्व मंत्री ने कहा कि भारत पर 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाना व्यापारिक दृष्टि से भी अव्यावहारिक है और इससे दोनों देशों के बीच विश्वास की नींव कमजोर हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने यूरोप, जापान और भारत जैसे सहयोगियों के साथ रिश्ते कमजोर किए, तो वह “कमज़ोर अमेरिका” बन जाएगा।

भारतीय परिप्रेक्ष्य में विशेषज्ञों का मानना है कि यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक समझौते (बीटीए) को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिका भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है, और बढ़ते आयात शुल्क से भारतीय निर्यातकों पर असर पड़ सकता है।

विश्लेषकों का कहना है कि भारत को इस परिस्थिति में “आत्मनिर्भर भारत” (“Atmanirbhar Bharat”) नीति को और मज़बूती से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि वह किसी एक देश की नीतियों पर अत्यधिक निर्भर न रहे।

इससे पहले भी अमेरिका के कई प्रमुख राजनेताओं ने राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीतियों की खुल कर आलोचना की है और अब देश की व्यापार प्रणाली को संभाल चुकीं रायमोंडो की टिप्पणी भी अमेरिकी राजनीति में भी अहम मानी जा रही है। इस टिप्पणी ने अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की व्यापारिक नीतियों और भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों को लेकर एक जारी बहस को तेज़ कर दिया है।