Varanasi : आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में दिव्यांगजनों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण:ए. नारायण स्वामी

0
131

वाराणसी : केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायण स्वामी ने शुक्रवार शाम टॉउन हॉल, मैदागिन में दिव्य कला मेला 2023 का उद्घाटन किया। मेले में 5 दिव्यांगजन को टोकन के रूप में ऋण स्वीकृति पत्र देकर केन्द्रीय मंत्री ने दिव्यागों का जमकर उत्साह बढ़ाया।

नारायण स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इन लोगों के लिए ‘दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग करके समाज का नज़रिया ही बदल दिया। दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में दिव्यांगजनों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार ने विशेष रूप से दिव्यांगजन के बीच उद्यमिता और शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांग युवक और युवतियों के प्रशिक्षण, कौशल और वित्त प्रदान करने के लिए इन योजनाओं को लागू किया जाता है। केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन की श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया है। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3 फीसद से बढ़ाकर 4फीसद कर दिया और सरकारी शिक्षण संस्थाओं में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3 फीसद से 5 कर दिया गया। इस अवसर पर डीडीजी दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग किशोर बाबू राव सुरवाड़े ने कहा कि हम देश के हर प्रमुख शहर में दिव्य कला मेले आयोजित कर रहे हैं। अब तक कुंल छह मेले सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। यह मेला सातवां मेला है। सीएमडी एनडीएफडीसी नवीन शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही पहली बार इन लोगों के लिए ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज में लोगों की सोच ही बदल दी।

मेले में ग्रामीण बैंक द्रारा दिव्यांग लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। भारत सरकार की संस्था एलिम्को द्रारा दिव्य कला मेले में दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करने के लिए टोकन के रूप में सहायक उपकरण वितरित किए गए। बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक ने 29 दिव्यांगजन के लिए 25.75 लाख स्वीकृत किए हैं। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने दिव्यांग उद्यमियों/कारीगरों के उत्पादों और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने के लिए 15 सितंबर से 24 सितंबर तक ‘दिव्य कला मेला’ का आयोजन किया गया है।

इस मेले में जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्वी राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों से कला कौशल के धुरंधर अपने शानदार और आकर्षक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम और पैकेज्ड फूड आदि के साथ भागीदारी कर रहे है। दिव्य कला मेला में लगभग 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 100 दिव्यांग कारीगर/कलाकार और उद्यमी अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। दस दिवसीय दिव्य कला मेला पूर्वांह 10.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक खुला रहेगा।