पत्र में लिखा- हमारी संस्कृति और संस्कारों के आधार प्रभु श्रीराम समय, समाज, धर्म और क्षेत्र की सीमाओं से परे
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में जन्मस्थान पर श्री रामलला के भव्य मंदिर में नवीन विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले काशी के प्रकांड पंडित आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ का आभार जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पांच मार्च को आचार्य द्राविड़ को पत्र लिखकर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना भी की।
प्रधानमंत्री ने आचार्य द्राविड़ को भेजे गए पत्र में लिखा है, अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े स्नेहपूर्ण पत्र व सप्तद्यमुक्तावली मुझ तक पहुंचाने के लिए धन्यवाद। श्री विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ और बबन लक्ष्मण मस्के की इस भावाभिव्यक्ति व आर्शीवचनों के लिए हार्दिक आभार।
प्रधानमंत्री ने लिखा कि हमारी संस्कृति और संस्कारों के आधार प्रभु श्री राम समय, समाज, धर्म और क्षेत्र की सीमाओं से परे, हर व्यक्ति से जुड़े हैं। आस्था और इतिहास के संगम की पावन धरा अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन और उनके स्वागत का वह क्षण अविस्मरणीय है। देश वासियों की बहुप्रतिक्षित आकांक्षाओं की पूर्ति का हर्ष और जन-जन के हृदय में उनके लिए अपार श्रद्धाभाव को देखना एक विशेष अनुभूति थी। भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए अमृतकाल में एक भव्य व विकसित भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में हम तेजी से अग्रसर है। इस कर्तव्य काल में परम्परा की पवित्रता और आधुनिकता की अनंतता, दोनों ही पथ पर चलते हुए राष्ट्र उन्नति की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। भारत की समृद्ध विरासत,अध्यात्म व ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाने में विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ और बब्बन लक्ष्मण मस्के व आप जैसे विद्वत जनों का बड़ा योगदान है। मुझे विश्वास है कि देश व समाज की बेहतरी में आपका मार्गदर्शन महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।