spot_img
HomeAwards & HonoursVaranasi : उपलब्धि,दंत चिकित्सा में बीएचयू अनुसंधानकर्ताओं को मिले दो भारतीय पेटेंट

Varanasi : उपलब्धि,दंत चिकित्सा में बीएचयू अनुसंधानकर्ताओं को मिले दो भारतीय पेटेंट

वाराणसी : दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, के अनुसंधानकर्ताओं ने एक बार फिर विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। संकाय के अनुसंधानकर्ताओं ने टेढ़े-मेढ़े दांतों के प्रभावी व किफायती इलाज के लिहाज से महत्वपूर्ण दो पेटेंट हासिल किये हैं। खास बात यह है कि भारत सरकार से यह दो पेटेंट 30 दिन की अवधि के भीतर प्राप्त हुए हैं।

अनुसंधानकर्ताओं की जिन टीमों को यह पेटेंट मिला है। उनमें से एक का नेतृत्व प्रो. अजित विक्रम परिहार, दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय, कर रहे थे। जबकि दूसरी टीम में प्रो. अजित परिहार एवं प्रो.टी0पी0 चतुर्वेदी, दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय, समेत अन्य संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल थे।

प्रो. अजित विक्रम परिहार के अनुसार यह पेटेंट टेढ़े-मेढ़े दांतों के प्रभावी व लागत अनुकूल उपचार के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये नवाचार न केवल अधिक (लगभग अदृश्य) सौंदर्य दृष्टिकोण के साथ टेढ़े-मेढ़े दांतों के इलाज में मदद करेंगे, बल्कि उपचार की लागत को भी काफी कम कर देंगे। इसे आम जनता के लिए भी किफायती बना देंगे। “मेक इन इंडिया” की अवधारणा के साथ काम करते हुए इन उपकरणों का निर्माण देश में ही किया जाएगा।

बताते चलें कि डॉ. परिहार और उनकी टीम को पिछले साल भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रचारित इसी विचार के तहत एक नवीन नैनो बायो-चिपकने वाली सामग्री विकसित करने के लिए पेटेंट मिला था। डॉ अजीत विक्रम परिहार आईएमएस बीएचयू के डेंटल संकाय में ऑर्थोडॉन्टिक्स विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, हाल ही में उन्होंने इंडियन ऑर्थोडॉन्टिक सोसाइटी द्वारा विनिमय कार्यक्रम के एक भाग के रूप में एडिलेड ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय का भी दौरा किया।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर