ठाणे : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने शनिवार को जानना चाहा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर रखने से क्या जनता की समस्याओं और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का समाधान हो जाएगा? उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कठपुतली करार देते हुए कहा कि शिवसेना के विभाजन ने राज्य के लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। औरंगाबाद से सांसद जलील नवी मुंबई में आयोजित पार्टी के दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव करने की अनुमति दे दी है। छत्रपति संभाजी , छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बेटे और उनके पिता द्वारा स्थापित मराठा राज्य के दूसरे शासक थे। छत्रपति संभाजी महाराज को औरंगजेब के आदेश पर 1689 में मौत के घाट उतार दिया गया था।
नाम बदलने से इतिहास से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती
जलील ने सवाल किया, औरंगाबाद का नाम बदलने से यहां के लोगों की समस्याओं का समाधान हो जाएगा? अब नाम बदल दिया गया है क्या सरकार बताएगी कि औरंगाबाद में रहने वाले लोगों को रोजाना दो बार पानी मिलेगा। यहां तक कि आज भी हर आठ दिन पर पानी की आपूर्ति होती है। उन्होंने कहा, नाम बदलने से इतिहास नहीं बदलेगा। वह वही रहेगा, चाहे अच्छा हो या बुरा। नाम बदलने से इतिहास से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।