THANE : महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य का सनसनीखेज आरोप

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आरएसएस के इशारे पर किया जा रहा छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान

ठाणे : बार-बार महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान आरएसएस के इशारे पर किया जा रहा है,जो निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। यही स्थिति रही, तो इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे। जिस तरह बार-बार छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया जा रहा है, राजनीतिक नजरिए से यह सबसे गंभीर चिंता का विषय है। इन बातों का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य मिलिंद कराडे ने सनसनीखेज आरोप लगाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान आर एस एस के इशारे पर ही किया जा रहा है।
उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर भगत सिंह कोश्यारी का बने रहना नैतिक मूल्यों के खिलाफ है।उन्हें पद से हटा दिया जाना चाहिए। लगातार वे अपने बयानों से महाराष्ट्र का अपमान करते आ रहे हैं । ऐसा नहीं है कि उन्होंने पहली बार ऐसी हरकत की है ।

कई बयान पहले भी ऐसे आए हैं, जिससे महाराष्ट्र के मान सम्मान को ठेस लगा है। एक बार फिर सिंह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की अवमानना की है । माफ उसे किया जाता है,जिसने पहली बार गलती की हो। राज्यपाल कोश्यारी एक ऐसा राजनीतिक चेहरा बन चुके हैं जो बार-बार महाराष्ट्र को अपमानित करते रहे हैं। उनके बयान पूरी तरह नियोजित साजिश का ही एक हिस्सा है। इन बातों का जिक्र करते हुए मिलिंद खराडे ने कहा कि महाराष्ट्र के मान सम्मान की रक्षा करना अब यहां के विपक्षी दलों का भी दायित्व है।
उन्होंने बताया कि इसके पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज की अवमानना की थी। यह कोई एक संजोग नहीं है। बल्कि यह एक नियोजित साजिश का हिस्सा है । सारा कुछ आरएसएस के निर्देश के अनुरूप हो रहा है।

सशक्त प्रतिक्रिया और गुस्से का इजहार शांतिपूर्ण तरीके से करें कोश्यारी
कराडे ने चेतावनी देते हुए कहा कि राज्यपाल पद पर रहते हुए भगत सिंह कोश्यारी जिस तरह की हरकतें कर रहे हैं, वह अब सहन के योग्य नहीं रहा है । महाराष्ट्र के तमाम नागरिकों को चाहिए कि वे अपनी सशक्त प्रतिक्रिया और गुस्से का इजहार शांतिपूर्ण तरीके से करें।खराडे ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि जो आरएसएस सदैव देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेज सरकार के लिए खबरी का काम कर रहा था, वह आरएसएस अपने को देशभक्त साबित करने के लिए महाराष्ट्र के महापुरुषों के अपमान से भी नहीं हिचक रहा है। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान किसी भी राष्ट्रीय आंदोलन में आर एस एस और उसके समर्थक शामिल नहीं हुए । यह पूरा देश जानता है । इसके बाद भी देश प्रेम और भारतीयता की शिक्षा देने वाला आरएसएस महाराष्ट्र को राष्ट्रीय स्तर पर अपमानित करने की हर कोशिश में लगा हुआ है। खराडे ने महाराष्ट्र के नागरिकों से अपील की है कि वे दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर छत्रपति शिवाजी महाराज की सार्वजनिक छवि को धूमिल करने वालों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें।