शालेय शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर के हाथों हुआ उद्घाटन
ठाणे : महाराष्ट्र के शालेय शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर के हाथों शनिवार को महाराष्ट्र के पहले डिजिटल शाला का शुभारंभ ठाणे जिले के भिवंडी स्थित काल्हेर के विद्यालय में किया गया। प्रथम इन्फोटेक फाऊंडेशन और जिला परिषद के माध्यम से डिजिटल साक्षरता मिशन के तहत माझी ई-शाला का शुभारंभ किया गया। महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश में पहली बार जिला परिषद द्वारा संचालित किए जा रहे स्कूलों में डिजिटल एजुकेशन का शुभारंभ हुआ है। डिजिटल साक्षरता मिशन के तहत इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है। बताया गया कि कोरोना संक्रमण के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की जो परंपरा शुरू हुई थी,उसे अमलीजामा पहनाने के लिए यह सार्थक प्रयास है। उद्घाटन अवसर पर दीपक केसरकर ने कहा कि आने वाले समय में गांव और अति दुर्गम भागों तक डिजिटल ई शाला के द्वारा साक्षरता मिशन चलेगा।
ई-डिजिटल शाला के तहत 10,000 डिजिटल क्लासरूम एक्टिव
राज्य की पांच हजार स्कूलों को इस मिशन से जोड़ा जाएगा। ई-डिजिटल शाला के तहत 10,000 डिजिटल क्लासरूम एक्टिव होंगे। इतना ही नहीं राज्य में 25000 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि इस मिशन से 2500000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर शालेय मंत्री दीपक केसरकर, विधायक शांताराम मोरे, ठाणे जिलाधिकारी अशोक शिनगारे, रणजितसिंह देओल, कैलास पगारे, प्रत्युष पांडा, मनोज जिंदल मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, प्रेम यादव मुख्याधिकारी, प्रथम इन्फोटेक , संदीप सिंघवी, प्रदीप घोरपडे,राजश्री पाटील, शिल्पा भोकरे (सरपंच), गणेश जोशी, महेंद्र पाटील आदि भी उपस्थित थे। इस उपक्रम का उद्घाटन भिवंडी के कल्हेर तालुका में जिला परिषद शाला किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने नृत्य प्रस्तुत कर आगंतुकों का मनोरंजन किया। इस अवसर पर प्रथम इन्फोटेक के प्रेम यादव ने कहा कि डिजिटल क्रांति शब्द का उपयोग तो किया जा रहा है, लेकिन अभी तक डिजिटल क्रांति आम लोगों तक नहीं पहुंच पाई है, लेकिन उस सपने को आज ई- शाला उपक्रम के द्वारा साकार किया जाएगा। आज यहां 2 वर्ग उन्होंने देखें। तीन महीने में 502 शालों में डिजिटल एजुकेशन की आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाने वाली है।
आईटी कंपनी बेहतर डिजिटल एजुकेशन उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प
शासकीय शालाओं में इस तरह के काम अभी तक देश में कहीं भी नहीं किया गया है और इसकी शुरुआत भिवंडी के काल्हेर से होना गौरव की बात है। जबकि एलएंड टी माइंडट्री देश की पांचवीं सबसे बड़ी आईटी कंपनी है । उन्होंने दावा किया कि शिक्षण के क्षेत्र में यह कंपनी बेहतर काम ही नहीं कर रही बेहतर योगदान भी दे रही है। पूरे देश में उसकी आईटी कंपनी बेहतर डिजिटल एजुकेशन उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प है । उन्होंने कहा कि डिजिटल एजुकेशन के बारे में लोगों में यह भ्रम है कि इसमें खर्च अधिक आता है, लेकिन ऐसी बात नहीं है। जिस उपक्रम की शुरुआत की गई है, उसमें हमें इंटरनेट को भी यूज करने की आवश्यकता नहीं होगी।