Thane: ठाणे मनपा नगर अभियंता को उपहार में दी गई कुंभकरण की मूर्ति

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ठाणे : ठाणे शहर में गत 6 सालों के दौरान सड़कों के मद में 13 सौ करोड़ खर्च किए गए। इसके साथ ही इस बार भी 183 करोड़ की निधि का आवंटन किया गया था। इतनी बड़ी रकम की उपलब्धता के बाद भी गड्ढों के कारण सड़क दुर्घटना में हो रही मौतों के बाद मनसे ने आक्रामक रुख अख्तियार किया। ठाणे मनपा के नगर अभियंता को अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही रहने के एवज में उन्हें कुंभकरण की मूर्ति भेंट में दी गई।

आज मनसे के ठाणे शहर अध्यक्ष रविंद्र मोरे और मनसे के जनहित विधि विभाग के शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर के संयुक्त नेतृत्व में नगर अभियंता को कुंभकरण की प्रतिमा भेंट सवरूप दी गई। गड्ढों के प्रति लापरवाही बरतने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया गया। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए शहर अध्यक्ष रविंद्र मोरे ने कहा कि जिस तरह लगातार गड्ढों की चपेट में आने से बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं और उनकी मौत हो रही है, वह चिंता का विषय है। 183 करोड निधि की उपलब्धता के बाद भी यहां गड्ढे लोगों की जान ले रहा है। वहीं स्वप्निल महिंद्रकर ने कहा कि ठाणे शहर में सड़कों पर गड्ढों की भरमार के लिए पूरी तरह ठाणे मनपा प्रशासन जिम्मेदार है। और इसको लेकर नगर अभियंता की भूमिका भी प्रशासनिक स्तर पर काफी ढीली रही है। इस कारण उन्होंने प्रतीकात्मक रूप में गड्ढों के खिलाफ गांधीगिरी आंदोलन किया। और उन्होंने नगर अभियंता को उनकी प्रतिमा भेंट में दी। मनसे पदाधिकारियों ने बताया कि गत दिनों कोपरी ब्रिज पर एक बाइक सवार की मौत गड्ढों के कारण ही हो रही थी । जबकि दिवा आगासन रोड पर भी गड्ढों की चपेट में आने के बाद गणेश फाले नामक बाइक सवार की मौत हो गई। इस स्थिति को देखते हुए मनसे ठाणे मनपा प्रशासन के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध आंदोलन जताने को विवश हुई। एक और ठाणे शहर को स्मार्ट सिटी के लिए पुरस्कारों से नवाजा जा रहा है तो वहीं यहां की सड़कें युवाओं की जान ले रहा है । ऐसी स्थिति के लिए पूरी तरह ठाणे मनपा प्रशासन जिम्मेदार है। ऐसी बातें मनसे पदाधिकारियों ने कहीं।