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Homemumbaiदिंडोशी में सुनील प्रभु और संजय निरुपम का मुकाबला

दिंडोशी में सुनील प्रभु और संजय निरुपम का मुकाबला

मुंबई: महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की VIP सीटों में शामिल दिंडोशी में पूर्व सांसद संजय निरुपम व मौजूदा विधायक सुनील प्रभु के बीच टक्‍कर है। महायुति और महाविकास के ये दोनों प्रत्‍याशी हिंदू समुदाय से हैं, मगर दिंडोशी चुनाव में मुसलमानों वोटरों को लुभाने के लिए उर्दू में भी चुनाव पर्चे छपवाए हैं।

दिंडोशी विधानसभा चुनाव उम्‍मीदवार
मुंबई उपनगरीय जिले मलाड में स्थित दिंडोशी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से साल 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना (यूबीटी) ने विधायक सुनील प्रभु पर एक बार फिर भरोसा जताया है जबकि एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट ने संजय निरुपम को अपना उम्मीदवार बनाया है। निरुपम राज्‍यसभा के सांसद रह चुके हैं। अन्य दावेदारों में प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अगाड़ी से राजेंद्र तानाजी ससाने और अजीत पवार के एनसीपी गुट से नरहरि जिरवाल हैं। शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने सुनीता चारोस्कर को मैदान में उतारा है।

इनके नाम पर वोट मांग रहे संजय निरुपम
दिंडोशी विधानसभा चुनाव 2024 में संजय निरुपम ने उर्दू में पर्चा छपवाकर वोट देने की अपील की है। पर्च में सांसद रहते इलाके की मस्जिद का मामला हल करना, मुस्लिम बच्चियों को मौलाना आजाद छात्रवृत्ति दिलाना, निर्दोष मुस्लिम बच्चों को जेल से छुड़ाना, हिंदू मुस्लिम सौहार्द्र बनाये रखने की कोशिश करना व मुस्लिम महिलाओं को लाडली बहना योजना का फायदा दिलाने का जिक्र किया है।

सुनील प्रभु ने पर्च में क्‍या लिखा?
महाविकास अघाड़ी का हिस्‍सा शिवसेना (यूबीटी) के प्रत्‍याशी सुनील प्रभु ने भी उर्दू में पर्चे छपवाए हैं, जिन पर लिखा है-‘2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर दिन बुधवार को होगा। महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव गुट, राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट, समाजवादी और कई अन्य पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। शिवसेना के उम्मीदवार सुनील प्रभु ने विधायक रहते मुसलमानों और मुस्लिम इलाके के लिए काम किये हैं। इस बार तीसरी दफा चुनावी रण में हैं। मुस्लिम मतदाताओं से अपील है कि तीन नंबर का बटन दबाकर सुनील प्रभु को भारी मतों से विजयी बनाएं।”

दिंडोशी विधानसभा चुनाव परिणाम
दिंडोशी विधानसभा चुनाव 2019 में शिवसेना के सुनील प्रभु विजयी हुए थे। 2019 में सुनील प्रभु ने 44,511 वोटों के अंतर से जीत हासिल कीथी। इनको कुल 82,203 वोट मिले, जो 52.61% वोट शेयर था। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एनसीपी की विद्या चव्हाण को 37,692 वोट मिले थे। दिंडोशी विधानसभा चुनाव 2014 में सुनील प्रभु को 56,577 वोट मिले थे, जिनका वोट शेयर 35.47% था। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राजहंस सिंह को 25,339 वोटों के अंतर से हराया था। कुल वैध वोट 1,58,379 थे।

दिंडोशी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता
साल 2019 के चुनावों में दिंडोशी विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,56,300 पंजीकृत मतदाता थे। इनमें 91,869 पुरुष और 64,187 महिला मतदाता हैं। तुलनात्मक रूप से पिछले चुनाव वर्ष 2014 में मतदाताओं की संख्या 1,59,556 थी, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 94,123 और महिला मतदाताओं की संख्या 65,141 थी। उस समय मतदान प्रतिशत थोड़ा कम यानी 53.63% था।

दिंडोशी विधायक की सूची
साल 2019 और 2014 में सुनील प्रभु ने जीत दर्ज की। 2009 में कांग्रेस के राजहंस सिंह धनंजयसिंह ने जीत हासिल की थी। इससे पहले विधायक बने वालों में देवताले संजय वामनराव शामिल हैं, जिन्होंने 1995 से 2004 के बीच कांग्रेस के टिकट पर लगातार जीत दर्ज की। पूर्व में मोरेश्वर विट्ठलराव तेमुर्डे निर्दलीय विधायक बने चुके हैं।

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