
आत्माएं भाव की भूखी होती हैं और उसी भाव से आत्मविश्वास पनपता है। भाव बहुत महत्वपूर्ण है।आज माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के बारे में पढ़ रहा था।उन्होंने अपने बचपन के स्कूली क्रिकेट की चर्चा की। उन्होंने कहा – एक स्कूल क्रिकेट मैच के दौरान, गेंदबाजी करते वक़्त, एक ओवर वो बुरी तरह पिट गए।
उस टीम के कप्तान ने फिर से उन पर भरोसा जताते हुए गेंदबाजी का मौका दिया। सत्या लिखते हैं – वह एक क्षण था, जिसने उनकी ज़िन्दगी को एक जबरदस्त मोड़ दिया और उनका आत्मविश्वास लौट आया। वो आज विश्व की सबसे नामी आईटी कम्पनी के सीईओ हैं।
उस भाव में आदर छुपा होता है।आदर देना सीखिए। आदर निगाहों से होकर जुबान पर नहीं भी आया, तो दिल में अवश्य समाता है। भारत जैसे देश में मिडिल क्लास को दो वक़्त की रोटी और छत मिलने के बाद, वह आदर खोजता है।
हर इंसान सत्या नडेला नहीं बन सकता, लेकिन यह भी सत्य है कि विश्व के शिखर पर पहुंच कर, सत्या अपने स्कूल के उस कैप्टन को नहीं भूल सकते। वो स्कूली कैप्टन न जाने कहां होगा, लेकिन वो आजीवन किसी की नजर में ऊंचा है। उत्तम पुरुष कभी एहसान नहीं भूलते। और जिंदगी कुछ बेसिक संस्कार से चलती है – आपके पास कुछ नहीं है फिर भी लोग आपके उस संस्कार के लिए याद रखेंगे ।