शिमला: (Shimla)केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को करोड़ों की नई वाटरशेड विकास परियोजनाओं की सौगात दी है।
राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत वाटरशेड विकास घटक 2.0 के अंतर्गत 26 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
मंत्री ने बताया कि ये परियोजनाएं कुल 0.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेंगी, जिनकी कुल लागत 151.20 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसमें केंद्र सरकार का अंशदान 136.08 करोड़ रुपये होगा। योजना के तहत अब तक हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से 55.77 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य संसाधनों का संरक्षण, सृजन और सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। इसके तहत भूमि के अवक्रमण की समस्या को दूर करने और उत्पादकता में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 से 2024-25 (तीसरी तिमाही तक) हिमाचल प्रदेश में इस योजना के तहत 367 जल संचयन संरचनाओं का निर्माण या पुनरुद्धार किया गया है। इसके अलावा 1421 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को संरक्षणात्मक सिंचाई के तहत लाया गया है, जिससे 16,547 किसान लाभान्वित हुए हैं।
मंत्री ने बताया कि जल संरक्षण के साथ-साथ इस योजना के माध्यम से 1710 हेक्टेयर भूमि को मृदा एवं नमी संरक्षण के दायरे में लाया गया है। इसके अतिरिक्त 2025 हेक्टेयर अवक्रमित और वर्षा सिंचित क्षेत्र का विकास किया गया है, जिससे जल संसाधनों का सतत उपयोग संभव हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू रोजगार सृजन भी है। अब तक इस परियोजना के तहत 1.46 लाख मानव दिवस/श्रम दिवस का सृजन किया जा चुका है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
डॉ. सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश में इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि इससे प्रदेश में जल संसाधनों का संरक्षण होगा और किसानों को लाभ मिलेगा।