शिमला में नकली सोना गिरवी रखकर गोल्ड लोन लिया, तीन पर केस दर्ज
शिमला : (Shimla) राजधानी शिमला में एक्सिस बैंक से नकली सोना (fake gold from Axis Bank) गिरवी रखकर गोल्ड लोन के नाम पर करीब 20 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। दो आरोपियों ने सोने की कोटिंग वाले नकली आभूषण गिरवी रखकर लोन लिया, जिसमें एक ज्वैलरी मूल्यांकनकर्ता की भी संलिप्तता उजागर हुई है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नकली गहनों को बताया असली, बैंक को लगाया चूना
यह शिकायत एक्सिस बैंक की मॉल रोड शाखा में कार्यरत ब्रांच ऑपरेशंस मैनेजर अशिष परमार (Ashish Parmar) ने दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि बैंक के दो ग्राहक बसंत लाल और इंदर जस्ता ने अलग-अलग समय पर गोल्ड लोन के लिए आवेदन किया था। उन्होंने जो गहने गिरवी रखे, वो शुरुआती जांच में असली लगे और लोन पास कर दिया गया। लेकिन विस्तृत परीक्षण में सामने आया कि वे आभूषण नकली थे—सोना बिल्कुल नहीं था, सिर्फ सोने की परत चढ़ी हुई थी।
मूल्यांकनकर्ता की भूमिका पर भी संदेह
पुलिस जांच में ज्वैलरी का मूल्यांकन करने वाले अनिल कुमार की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। उसने बिना उचित परीक्षण के इन नकली गहनों को असली बताते हुए प्रमाण पत्र दे दिया। बैंक प्रबंधन के अनुसार इस फर्जीवाड़े से बैंक को करीब 20 लाख 4 हजार 400 रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें ब्याज भी शामिल है।
आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज
सदर थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या यह किसी संगठित गिरोह की करतूत है और क्या इन्होंने अन्य बैंकों को भी इसी तरह ठगा है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
पुलिस और बैंक अधिकारी दोनों इस मामले को गंभीर मानते हुए इसकी तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि आम ग्राहकों के लिए नकली और असली गहनों की पहचान करना मुश्किल होता है, इसलिए मूल्यांकनकर्ता की जिम्मेदारी बनती है कि वह सही परीक्षण करे। इस केस में लापरवाही या जानबूझकर मिलीभगत साफ नजर आ रही है।
गौरतलब है कि शिमला में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। इसी साल जनवरी में भी दो अन्य बैंकों में नकली सोना गिरवी रखकर 59 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया था।