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Ranchi : कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना, उलिहातू में पूरे मंच को भगवामय बनाने का लगाया आरोप

रांची : (Ranchi) झारखंड स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर (State Congress President Rajesh Thakur) ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की गरिमा को ख्याल न रखते हुए उलिहातू में पूरे मंच को भगवामय बनाने का काम किया गया। ठाकुर बुधवार को रांची स्थित प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक बाबूलाल मरांडी (BJP State President cum MLA Babulal Marandi) किस हैसियत से मंच पर विराजमान थे जबकि उनपर दलबदल का मामला विधानसभा के अध्यक्ष के पास लंबित है। उन्होंने कहा कि गांधी के आंधी से डरे झूठों के सरदार प्रधानमंत्री पांच राज्यों के चुनाव छोड़कर भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर आकर एक बार फिर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि कांग्रेस की तम्बू उखड़ने वाली है। सच्चाई यह है कि उनके सारे केन्द्रीय मंत्री जो विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है वो बुरी तरह चुनाव हार रहे हैं।

ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री को आज भगवान बिरसा मुंडा के आगे सभी आदिवासी भाई-बहनों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए थी। क्योंकि, उनके शासन काल में मणिपुर की आदिवासी बहनों के साथ दुराचार की घटना हुई, जिससे पूरा देश शर्मसार हुआ। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में आदिवासियों की जमीन लूटने के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट को खत्म कर अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के प्रयास किया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री सचमुच आदिवासियों की हितैषी हैं तो अविलंब लंबित सरना धर्मकोड को लागू करें। साथ ही आदिवासी बहुल झारखंड राज्य का केन्द्र सरकार के पास बकाया राशि एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये अविलंब भेजने का काम करें।

कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी आते हैं तब नयी घोषणा करके चले जाते हैं। वर्ष 2017 में अमित शाह आये थे। उस समय उन्होंने शहीद ग्राम विकास योजना की शुरुआत करने की बात कही थी। इस घोषणा के छह साल बीत गये लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। विधायक दल के नेता ने प्रधानमंत्री से आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने विधानसभा से सरना कोड पारित करके राज्यपाल को भेजा है। यदि आप झारखंड की जनता की भलाई चाहते हैं तो सरना कोड लागू करें।

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