Raigarh : रायगढ़ के जंगल में बाघ की दस्तक, वन विभाग अलर्ट

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रायगढ़ : (Raigarh) छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ वन मंडल (forests of Dharmajaygarh forest division of Raigarh district of Chhattisgarh) के जंगलों में बाघ की मौजूदगी की आशंका से हड़कंप मच गया है। छाल रेंज के जंगलों में मिले बड़े-बड़े पंजों के निशानों के बाद वन विभाग ने पुष्टि की है कि ये बाघ के पदचिन्ह हैं। इसके बाद क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क किया गया है। अब विभाग ने लैलूंगा रेंज में भी बाघ के पैरों के निशान मिलने की बात कही है।

धर्मजयगढ़ के डीएफओ जितेन्द्र कुमार उपाध्याय (Dharamjaygarh DFO Jitendra Kumar Upadhyay) ने सोमवार को बताया कि बाघ की मौजूदगी के बाद 6 टीमें गठित की गई हैं जो मूवमेंट पर लगातार नजर रख रही हैं। उन्होंने कहा कि बाघ की मौजूदगी से मवेशियों के शिकार की आशंका है, इसलिए ग्रामीणों को जंगल में न जाने और मवेशियों को जंगल में न चराने की हिदायत दी गई है।

रायगढ़ और धर्मजयगढ़ वन मंडल के कई दर्जन गांव पहले ही जंगली हाथियों के आतंक से परेशान हैं। अब बाघ की मौजूदगी की खबर से ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है। ग्रामीण रात में पहरा दे रहे हैं, और मवेशियों को जंगल की बजाय सड़कों किनारे चराने पर मजबूर हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक, रायगढ़ जैसे क्षेत्रों में बाघ की आमद असामान्य जरूर है, लेकिन लैलूंगा और छाल जैसे घने जंगलों में भोजन और पानी की उपलब्धता के चलते यह संभव हो सकता है।

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे बाघ या अन्य वन्यजीवों की कोई भी हलचल देखे तो तुरंत वनकर्मियों को सूचित करें, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। विभाग की ओर से गांवों में पेट्रोलिंग, जागरूकता अभियान और मुनादी का काम लगातार किया जा रहा है। यह पहली बार है जब रायगढ़ जिले में हाथियों के बाद अब बाघ की मौजूदगी दर्ज की गई है। प्रशासन और वन विभाग मिलकर क्षेत्र में जन-सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण दोनों के लिए रणनीति बना रहे हैं।