रायगढ़ : रायगढ़ जिले के खरसिया थाना क्षेत्र में एक बड़े साइबर ठगी मामले में पुलिस ने 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी में एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया, जिसने मामले को सुलझाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। एसपी दिव्यांग पटेल ने आज मंगलवार को पत्रकारवार्ता में संपूर्ण घटना का खुलासा और पुलिस की कार्रवाई की जानकारी साझा की। बताया गया कि पीड़ित व्यवसायी ने करीब डेढ से दो माह पहले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की डीलरशिप के लिए फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा और दिए गए नंबर पर संपर्क किया।
कॉलर ने खुद को कंपनी का प्राधिकृत कर्मचारी बताया और धीरे-धीरे पीड़ित से विभिन्न शुल्कों के नाम पर 75 लाख रुपये ठग लिए। जब डीलरशिप नहीं मिली और आरोपितों ने और पैसे की मांग की, तब व्यवसायी को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने खरसिया थाना में शिकायत दर्ज कराई। थाना खरसिया में अज्ञात मोबाइल धारकों के विरुद्ध अप.क्र. 467/2024 धारा 318, 61(2)(a) पंजीबद्ध किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने डीएसपी साइबर सेल अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। घटना के 24 घंटे के अंदर इस 9 सदस्यीय टीम ने बिहार में कई स्थानों पर छापेमारी की और एक हफ़्ते चले इस लंबे ऑपरेशन में बैंक खातों की जांच, मोबाइल नंबरों के विश्लेषण और बैंक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए।
सिंडिकेट बना कर करते थे ठगी, ठगी में इस्तेमाल 40 मोबाइल, 49 एटीएम, बैंक पासबुक और नकदी बरामद
आरोपितगण एक संगठित सिंडिकेट बनाकर कुल 8 परतों में ठगी को अंजाम देते थे। लेयर-1 खाता धारक जिनके नाम से फ्रॉड के पैसे मँगवाने हेतु खाता खुलवाए जाते थे । लेयर-2 जिनके द्वारा खाता धारक के आधार कार्ड में उनके वास्तविक पते को बदलकर फ़र्ज़ी पता दर्ज किया जाता था । लेयर-3 जिनके द्वारा कलकत्ता पश्चिम बंगाल एवं अन्य राज्यों से फ़र्ज़ी सिम लाकर उपलब्ध कराया जाता था ताकि इन सिम कार्ड का प्रयोग फ्रॉड कॉलिंग एवं बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के रूप में किया जा सके । लेयर-4 जो फ्रॉड सिम एवं फ्रॉड एड्रेस के आधार पर लेयर-1 के साथ विभिन्न बैंकों में उनका खाता खुलवाने जाते थे। लेयर- 5 पोस्ट आफ़िस के डाकिया जिसके द्वारा बैंक से रजिस्टर्ड डाक में प्राप्त एटीएम कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों को फ़र्ज़ी एड्रेस पर डिलीवर किया जाता था।
लेयर-6 जिनके द्वारा पोस्टमैन से सभी फ़र्ज़ी खाता धारकों का एटीएम, पासबुक चेक बुक आदि प्राप्त किया जाता था एवं फ्रॉड पैसे खाते में आने पर तुरंत पैसों का आहरण करके मुख्य सरग़ना को दिया जाता था। लेयर -7 जो प्रतिदिन फ्रॉड कॉलिंग करने वालों को उपलब्ध/ सक्रिय अकाउंट की जानकारी देते थे, ताकि उसमें पीड़ित को ठगकर उसके पैसे मंगाए जा सके। लेयर -8 मुख्य कॉलिंग टीम जो फ़र्ज़ी नंबरों का प्रयोग कर पीड़ित को कॉल कर ठगी को अंजाम देते थे एवं पैसा आने पर नीचे के सभी लेयर्स को यथोचित कमीशन बांटते थे। इस प्रकार पुलिस की पकड़ में आने से बचने के हर संभव प्रयास के बावजूद भी रायगढ़ पुलिस द्वारा अपनी सूझबूझ और कार्यकुशलता से इस गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। प्रकरण में विवेचना जारी है निकट भविष्य में और भी आरोपितों के पकड़े जाने की संभावना है।