spot_img
HomeStoryप्रेरक प्रसंग : नजरिया

प्रेरक प्रसंग : नजरिया

शिक्षा हमारी सोचने की क्षमता बढ़ाती है और विश्लेषण भी सिखाती है, लेकिन बुद्धि को स्थिर नहीं कर सकती। एक बार एक राजा पैदल सैर को निकला, रास्ते में उसके पैर में कांटा चुभ गया। यक़ीनन, राजा के लिए यह बहुत दर्दनाक था, इसलिए राजा ने अपने मंत्रियों को आदेश दिया कि अगली सुबह तक सारे साम्राज्य को गलीचे से ढक दिया जाए। साथ ही यह भी कहा कि यदि यह काम समय पर पूरा नहीं हुआ, तो सभी मंत्रियों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा, लेकिन अगली सुबह एक मंत्री ने कहा, ‘महाराज! आपका दिया हुआ काम हम नहीं कर सके। परंतु मेरे पास एक छोटा-सा सुझाव है, सारे साम्राज्य में गलीचा बिछाने के बजाय आप अपने पैरों में जूते पहन लीजिए।’ राजा को बात समझ में आ गई और लोगों की जान बच गई। सबक: इसलिए कहा गया है – नजरिया सही हो तो चीजें खुद-ब-ख़ुद सही रुख अपना लेती हैं।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर