
आलोक गुप्ता
प्रयागराज : 28 अगस्त की रात दस बजे तक लगातार बढ़ रहा गंगा और यमुना का पानी अब काफी नीचे आ गया है। अब जलस्तर काफी तेजी से घट रहा है। बताते चलें कि 28 अगस्त की रात दस बजे तक लगातार दोनों नदियों के जलस्तर में इजाफा हुआ। इस बार गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 85.85 मीटर (खतरे का निशान 84.734 मीटर) तक जा पहुंचा था। जबकि छतनाग में 85.06 मीटर और नैनी में भी 85.85 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया था। तेजी से पानी उतरने के कारण कई मोहल्लों से पानी नीचे उतर गया है, लेकिन पीछे ढेर सारी गंदगी, जलकुंभी, मृत पशुओं का शव पीछे छूट रहा है, जिससे उठने वाली दुर्गंध से उक्त मोहल्लों में कदम रखना भी दुश्वार हो रहा है।
इस साल के उच्चतम स्तर पर जाने के चौथे दिन, यानी एक सितंबर को तीनों स्थानों पर गंगा-यमुना का जलस्तर काफी नीचे आ गया है। एक सितंबर को दोपहर 12 बजे फाफामऊ में 83.45 मीटर, छतनाग में 82.45 मीटर और नैनी में 83.08 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया। तीनों स्थानों पर अब काफी तेजी से जलस्तर नीचे खिसक रहा है। फाफामऊ में प्रति दो घंटे में दस सेंटीमीटर, छतनाग में 17 सेंटीमीटर और नैनी यमुना में 15 सेंटीमीटर जलस्तर घट रहा है।
पानी घटने के साथ-साथ ही बाढ़ प्रभावित मोहल्लों में दुश्वारियां और बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि बाढ़ के पानी के साथ आया मलबा और गंदगी पीछे ही छूट जा रहा है। जिससे जिन-जिन स्थानों व मोहल्लों से पानी नीचे उतर गया है, वहां भारी गंदगी एकत्र हो रही है। जिससे भीषण दुर्गंध उठ रही है। हालांकि स्वास्थ्य महकमा संक्रामक बीमारियों से रोकथाम को बराबर अभियान चला रहा है, लेकिन अभी हालात के पूरी तरह से सामान्य होने में वक्त लगेगा। जैसे-जैसे जलस्तर नीचे खिसक रहा है, उसी अनुपात में राहत शिविरों में शरण लेनेवाले लोग भी अब वापसी कर रहे हैं।