प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 साल की बलात्कार पीड़िता द्वारा अपनी 25 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि किसी महिला को यौन उत्पीडऩ करने वाले पुरुष के बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि एक महिला को गर्भावस्था के चिकित्सकीय समापन से इंकार करने और उसे मातृत्व की जिम्मेदारी से बांधने के अधिकार से इंकार करना उसके सम्मान के साथ जीने के मानव अधिकार से इंकार करना होगा। क्योंकि, उसे अपने शरीर के सम्बंध में निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। वह मां बनने के लिए हां या न कह सकती है।
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने बलात्कार पीड़िता की मां की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दी है। कोर्ट ने मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए मानवीय आधार पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति से जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ के प्राचार्य को प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की अध्यक्षता में पांच चिकित्सकों की टीम गठित कर पीड़िता की मेडिकल जांच कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जांच कर 12 जुलाई को मेडिकल रिपोर्ट उसके समक्ष पेश की जाए। कोर्ट ने टीम में एनेस्थेटिस्ट, रेडियो डॉयग्नोसिस विभाग के एक-एक सदस्यों को भी शामिल करने को कहा है।
याची की ओर से कहा गया कि बलात्कार पीड़िता बोलने और सुनने में असमर्थ है। वह अपनी आप बीती किसी को नहीं बता सकती है। उसके पड़ोसी ने उसका कई बार यौन उत्पीडऩ किया। उसने अपने साथ हुए उत्पीडऩ की जानकारी अपनी मां को सांकेतिक रूप से दिया। इसके बाद मां की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई। 16 जून को पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई तो उसे 23 सप्ताह का गर्भ था। 27 जून को मामले को मेडिकल बोर्ड के समक्ष रखा गया तो यह राय दी गई कि गर्भावस्था 24 सप्ताह से अधिक है। लिहाजा, गर्भपात कराने से पहले अदालत के आदेश की अनुमति की आवश्यकता है। इसलिए वह हाईकोर्ट पहुंची।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम की धारा तीन के अनुसार किसी महिला की गर्भावस्था को समाप्त करने का समय 24 सप्ताह से अधिक नहीं है। केवल विशेष श्रेणियों में अनुमति दी जा सकती है। जिसमें महिला के जीवन या शारीरिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होना शामिल है। कोर्ट ने याची की परिस्थितियों को देखते हुए मेडिकल रिपोर्ट तलब की है। मामले में बुधवार को सुनवाई होगी।