एनईपीपर आठ दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन प्रोग्राम का समापन
प्रयागराज : ‘मूक’ और ‘स्वयम’ जैसे ऑनलाइन पोर्टल्स ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। ये प्लेटफ़ॉर्म्स छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विशिष्ट सामग्री तक पहुंचने का एक नया तरीका प्रदान करते हैं। उक्त विचार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के स्टाफ प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जी. मैथिली ने व्यक्त किया।
मंगलवार को यूजीसी-एमएमटीटी सेंटर, ईश्वर शरण पीजी कॉलेज के एनईपी पर 17 से 30 जनवरी तक आयोजित आठ दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन और सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम का समापन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि डॉ मैथिली ने कहा कि ये पोर्टल्स छात्रों को गुरुकुल से लेकर विभिन्न भागों से सामग्री तक पहुंचाते हैं, जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई में विविधता मिलती है और उन्हें अपनी रुचियों और अभिरुचियों के अनुसार शिक्षा प्राप्त होती है। उन्होंने इस प्रौद्योगिकी के उपयोग से शिक्षकों को भी लाभान्वित होने का सुझाव दिया और उन्हें ऑनलाइन शिक्षा में अपनी विशेषज्ञता का सही उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय, गुजरात के कम्प्यूटर साइंस और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रो. सोनल अमित जैन ने ‘शिक्षा और सीखने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग’ विषय पर शिक्षा प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रवृत्तियों और उपकरणों पर प्रकाश डाला तथा इसे कक्षाओं में व्यावसायिक रूप से लागू करने की बात कही।
एमएमटीटी सेंटर के निदेशक और ईश्वर शरण पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने प्रोग्राम की सफलता पर प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप सभी ने एनईपी के क्षेत्र में नए ज्ञान का संचार किया है और आने वाले प्रयासों के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूँ। समापन सत्र का संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ. शाइस्ता इरशाद और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम सह-समन्वयक डॉ. जमील अहमद ने किया। कार्यक्रम में सेंटर के सहायक निदेशक डॉ मनोज कुमार दुबे सहित विभिन्न राज्यों के 200 प्रतिभागी शामिल रहे।