चिट्ठी-पत्री बांटने वाला डाकिया हुआ स्मार्ट : कृष्ण कुमार यादव
प्रयागराज : विश्व भर में डाक सेवाओं में आमूल चूल परिवर्तन आये हैं। फिजिकल मेल से डिजिटल मेल के इस दौर में डाक सेवाओं में विविधता के साथ कई नए आयाम जुड़े हैं। डाककर्मी सरकारों और आमजन के बीच सेवाओं को प्रदान करने वाले एक अहम कड़ी के रूप में उभरे हैं। ऐसे में 01 जुलाई को पूरी दुनिया में ‘नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे’ के दिन डाककर्मियों का आभार व्यक्त करने का प्रचलन उभरा है।
प्रयागराज एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ‘नेशनल पोस्टल वर्कर डे’ की अवधारणा अमेरिका से आई। जहां वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में वर्ष 1997 में कर्मचारियों के सम्मान में इस विशेष दिवस की शुरुआत की गई। धीरे-धीरे इसे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। यह दिन दुनिया भर में डाककर्मियों द्वारा की जाने वाली सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।
पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि डाककर्मियों की भूमिका में तमाम परिवर्तन आए हैं। ‘डाकिया डाक लाया’ के साथ ‘डाकिया बैंक लाया’ भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। पत्रों व पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें पोस्टमैन ही घर-घर वितरित करता है। आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक चेक बुक, एटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, दवाइयां और रक्षाबंधन पर्व पर राखियां भी डाकियों द्वारा ही पहुंचायी जा रही हैं। ई-कामर्स को बढ़ावा देने हेतु कैश ऑन डिलीवरी, लेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने हेतु नन्यथा मोबाइल ऐप एवं डाकियों द्वारा एण्ड्रॉयड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना जैसे तमाम कदम डाक विभाग की अभिनव पहल है।
कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया है। डाकिया की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीऑर्डर बांटने वाली रही है। पर अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन और बैग में डिजिटल डिवाइस भी है। इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, वाहन बीमा, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।