Patna : बिहार चुनाव का पहला चरण अहम

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पटना : (Patna) बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly elections) के पहले चरण का मतदान आज सुबह सात बजे से शुरू हो गया है। सुबह की ठंडी हवा और उत्साह भरी फिजा में लोकतंत्र का पर्व पूरे जोरों पर है। राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर हो रहे मतदान में हर राजनीतिक दल ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, क्योंकि इस चरण में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं। लोकतंत्र के इस महापर्व में महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी दिखानी शुरू कर दी है।

नीतीश कुमार की साख का सवाल

जनता दल (यू) के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Janata Dal (United) leader and Chief Minister Nitish Kumar) के लिए यह चरण बेहद अहम है। उनका गढ़ माने जाने वाले नालंदा, नवादा, गया और शेखपुरा जिले की सीटों पर आज जनता फैसला सुना रही है। नीतीश सरकार की सात निश्चय योजना, बिजली-पानी और सड़क विकास के मुद्दे पर जनता अब रिपोर्ट कार्ड लिख रही है। नीतीश ने मतदान से पहले अपील की है कि विकास की राह को रुकने मत दीजिए, बिहार ने जो रफ्तार पकड़ी है, उसे और तेज करें।

तेजस्वी यादव की नजर युवाओं और बेरोजगारों पर

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (opposition leader Tejashwi Yadav) के लिए यह चरण भी निर्णायक है। उनका गढ़ राघोपुर और आस-पास के जिलों में आज भारी मतदान हो रहा है। तेजस्वी ने पूरे प्रचार अभियान में बेरोजगारी, महंगाई और सरकारी नौकरी को मुख्य मुद्दा बनाया। उन्होंने कहा था कि इस बार जनता जात नहीं, रोजगार के नाम पर वोट देगी। अब देखना है कि युवा वर्ग कितना भरोसा जताता है और क्या आरजेडी अपने पुराने परंपरागत वोट बैंक को संभाल पाती है।

अमित शाह की नजर अपने मजबूत किलों पर

भाजपा के लिए यह चरण संगठन की शक्ति-परीक्षा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Sha) की निगाह भोजपुर, दरभंगा, मुज्जफरपुर और सीतामढ़ी की सीटों पर टिकी है। इन इलाकों में भाजपा ने 2020 के चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। शाह ने अपनी रैली में कहा था कि अब बिहार जात नहीं, राष्ट्र की बात करता है। अब यह नारा मतदाताओं के दिल में कितना असर छोड़ता है, इसका जवाब मतगणना के दिन मिलेगा।

कांग्रेस और वाम दलों की उम्मीदें सीमांचल से

पहले चरण में कांग्रेस और वामपंथी दलों ने सीमांचल और दक्षिण बिहार के इलाकों पर फोकस किया है। कटिहार, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया जैसी सीटों पर अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के मतदाता निर्णायक हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने अपने प्रचार में समानता, न्याय और महंगाई के मुद्दों पर सरकार को घेरा, लेकिन उनके बयानों को लेकर विपक्ष ने उन्हें निशाने पर भी लिया।

नए चेहरों पर भी टिकी निगाहें

पहले चरण में कई नये चेहरे भी मैदान में हैं, जो स्थानीय मुद्दों को लेकर चर्चा में हैं। युवाओं, महिलाओं और किसानों के सवालों ने इस बार राजनीतिक विमर्श को नई दिशा दी है। कई जगह पुराने नेताओं को स्थानीय नाराजगी का सामना भी करना पड़ रहा है।

सुरक्षा और निगरानी कड़ी, दोपहर बाद मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद

पहले चरण में मतदान के लिए 65,000 से अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। संवेदनशील बूथों पर सीसीटीवी कैमरे (CCTV cameras) लगाए गए हैं और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। चुनाव आयोग के मुताबिक, दोपहर तक मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब तेजी से लोग बूथों की ओर निकल रहे हैं।

मतदाताओं में दिखा जबरदस्त उत्साह

सुबह से ही बूथों पर ‘पहले मतदान, फिर जलपान’ का नारा गूंज रहा है। महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया। पटना की एक महिला मतदाता ने कहा कि हर बार वादे सुनते-सुनते थक गए हैं, इस बार काम करने वाले को वोट देंगे।

बिहार के सियासी भविष्य की दिशा तय करेगा चुनाव

राजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्र (Political analyst and senior journalist Luv Kumar Mishra) कहते हैं कि पहले चरण की यह वोटिंग बिहार के सियासी भविष्य की दिशा तय करेगी। अगर नीतीश कुमार अपने गढ़ को बचा लेते हैं, तो एनडीए की राह आसान होगी। अगर तेजस्वी यादव युवाओं को आकर्षित करने में सफल रहे तो आरजेडी को नई ताकत मिलेगी। वहीं, भाजपा की नजर 2020 के प्रदर्शन को दोहराने पर है। पहले चरण की वोटिंग में सिर्फ 1314 उम्मीदवारों की किस्मत नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों की साख और नेताओं के गढ़ की असली परीक्षा हो रही है।