पलामू : (Palamu) नमिता देवी हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार (Namita Devi murder case) किया है। साथ ही पुलिस ने पुश्तैनी जमीन बिक्री का कमीशन मांगने के बेटे के आरोप को खारिज करते हुए हत्याकांड के पीछे की मामूली वजह भी बतायी है।
पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन ने रविवार को एसपी कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में भास्कर पांडे उर्फ मोंटी पांडे, रितेश कुमार उर्फ मामा, महताब खान और बबलू कुमार शामिल हैं। एसपी ने बताया कि घटना से तीन-चार दिन पहले नमिता देवी के छोटे पुत्र ऋतिक राज के साथ महताब खान का मामूली विवाद हुआ था। महताब ने बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया। महताब ऋतिक को बड़ा नुकसान देना चाहता था। इस कारण उसकी मां की हत्या की।
एसपी ने बताया कि महताब ने इस कांड का षड्यंत्र रचते हुए उसे अंजाम देने के लिए रितेश चंद्रवंशी उर्फ मामा, भास्कर पांडे उर्फ मोंटी पांडेय को अपने साथ मिलाया और घटना वाले दिन सदीक चौक से सटे शाहपुर की ओर जाने वाली सड़क में एक होटल में बैठी नमिता देवी से मिलने के बहाने मोंटी और रितेश को भेजा। महताब बाहर में वॉच कर रहा था। बातचीत के क्रम में मोंटी और रितेश ने गोली चला दी लेकिन मोंटी की फायरिंग मिस कर गई और रितेश की गोली नमिता देवी के सिर में लगी।
दिनदहाड़े हुई इस घटना के बाद इसके खुलासे के लिए डीएसपी मणि भूषण प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। घटना के तीन दिन के भीतर तीनों मुख्य आरोपितों को पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया। चौथे आरोपित की गिरफ्तारी हत्यारोपितों की मदद करने और उन्हें गाड़ी देकर पलामू से बाहर भेजने के कारण की गई।
एसपी ने बताया कि मोंटी पांडे और रितेश नमिता देवी की हत्या करने के बाद पैदल कोयल नदी पार करके शाहपुर चैनपुर की ओर भागे थे। शाहपुर के सेमरटॉड में बबलू कुमार ने उनकी मदद की थी। हत्या में इस्तेमाल देसी कट्टा घटना के बाद बोरे में बंद कर जमीन में गाड़कर रख दिया गया था, जिसे चैनपुर थाना क्षेत्र से बरामद किया गया। बरामद हथियारों में दो देसी कट्टा, एक देशी पिस्तौल, 315 बोर का खोखा, 7.65 बोर की गोली, तीन मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल टीवीएस और एक कार शामिल हैं।