Thursday, December 7, 2023
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Palamu : पलामू में धनतेरस पर सजे बाजार, ऑनलाइन खरीद ने बढ़ाई दुकानदारों की चिंता

पलामू : धनतेरस पर जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के अलावा हुसैनाबाद व हैदरनगर के बाजार की रौनक बढ़ गई है। दुकानदारों ने एक से बढ़कर एक समान की प्रदर्शनी लगाई है लेकिन ऑनलाइन खरीद ने दुकानदारों की चिंता बढ़ाकर रख दी है।

इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानदार कौशल किशोर ने कहा कि ऑनलाइन खरीदारी से दुकानदारों के साथ बाजार की रौनक धीरे-धीरे कम हो रही है। लगातार अकाल सुखाड़ से पहले ही बाजार में मंदी का दौर चल रहा है। ऊपर से आम लोगों में ऑनलाइन खरीदारी का रुझान बढ़ा है। छोटे बाजारों के दुकानदारों के समक्ष बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।

बर्तन दुकानदार विवेक सोनी ने कहा कि ऑनलाइन ने दुकानदारों की कमर तोड़ दी है। दुकान का किराया, स्टाफ का पेमेंट के अलावा जीएसटी का खर्च दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसके बावजूद ऑनलाइन व्यापार से छोटे दुकानदारों की बिक्री व आमदनी घट रही है। परिणाम स्वरूप खुद और परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि इस धनतेरस पर व्यवसाय को लेकर संशय की स्थिति है। अकाल सुखाड़ की वजह दो वर्ष से धंधा मंदा है। धनतेरस को लेकर उम्मीद जगी है लेकिन जिस तेजी के साथ ऑनलाइन व्यापार बढ़ रहा है उससे उम्मीद पर पानी फिरता दिख रहा है।

व्यवसायी शान ए इलाही व नंदलाल प्रसाद ने कहा कि विगत दो वर्षाें से बाजार ने मंदी छाई है। लोग रोजमर्रा की जरूरत का सामान भी ऑनलाइन खरीदने में दिलचस्पी रख रहे हैं। धनतेरस पर भी इसका असर साफ दिखने लगा है। उन्होंने बताया कि हुसैनाबाद हैदरनगर में धनतेरस पर करीब तीन से चार करोड़ का व्यवसाय होता था। विगत दो वर्षाें में इसने काफी गिरावट आई है। एक-एक दुकानदार बीस से चालीस लाख का व्यवसाय कर लिया करते थे। अब दस लाख का भी व्यवसाय मुश्किल हो गया है।

मिट्टी का दिया बेचने वाले लोगों का कहना था कि अब उनके दिए सिर्फ पूजा के लिए लोग खरीदते हैं। दीयों की जगह विभिन्न तरह की इलेक्ट्रॉनिक लाइटों ने ले लिया है। दीयों के लिए कपास की रुई बेचने का काम मुस्लिम परिवार करते आए हैं। दीपावली के दिए में रोशनी की व्यवस्था के लिए रुआ जरूरी होता है, जो सदियों से सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है।

सोना चांदी के आभूषण के दुकानदार अशोक सोनी व अभिषेक सोनी ने कहा कि ऑनलाइन व्यवसाय का स्वर्ण आभूषण के व्यवसाय पर खासा असर नहीं पड़ा है लेकिन अकाल सुखाड़ के अलावा बढ़ती महंगाई में आभूषणों की बिक्री पर काफी असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि लोगों की आमदनी के मुकाबले खर्च बढ़ने की वजह से आभूषणों की बिक्री घटी है।

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