सीईओ ने कहा-भारतीय कारोबार पर किसी तरह का नहीं पड़ेगा असर
नई दिल्ली:(New Delhi) कर्ज और भारी घाटे से जूझ रही वैश्विक कोवर्किंग (ऑफिस-शेयरिंग) कंपनी वीवर्क ने अमेरिका की न्यू जर्सी संघीय कोर्ट में दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने दिवाला संरक्षण के चैप्टर 11 के तहत यह आवेदन किया है। कोवर्किंग का मतलब एक ही जगह पर कई कंपनियों के लिए कार्यालय से है। वीवर्क दुनिया की प्रमुख कोवर्किंग कंपनियों में आती है।
न्यूयॉर्क एक्सचेंज में सूचीबद्ध वीवर्क ने जारी बयान में कहा है कि अमेरिका और कनाडा के बाहर स्थित उसके केंद्र इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे। वीवर्क ने अपने कर्ज़ को कम करने और बही-खाते दुरुस्त करने के लिए व्यापक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है। सॉफ्टबैंक समर्थित वीवर्क इंक का बाजार मूल्यांकन 47 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी को 69.6 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ है।
वीवर्क इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि वीवर्क ग्लोबल के दिवाला आवेदन से भारतीय कारोबार पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा। वीवर्क इंडिया में बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी एम्बैसी ग्रुप की 73 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें वीवर्क ग्लोबल की 27 फीसदी हिस्सेदारी है। दरअसल वीवर्क इंडिया के सात प्रमुख शहरों नई दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में 50 केंद्र हैं, जिनमें करीब 90,000 डेस्क हैं।