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New Delhi : जल लाए धन-धान्य’ थीम पर ‘वाटरशेड यात्रा’ कल से होगी शुरू

नई दिल्ली : (New Delhi)ग्रामीण विकास मंत्रालय बुधवार से जल लाए धन-धान्य की थीम पर वाटरशेड यात्रा की शुरू करने जा रहा है। यह यात्रा 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6673 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 13587 गांवों को कवर करेगी। यह यात्रा तीन महीने तक चलेगी।

मंगलवार को केन्द्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जल है तो कल है और मिट्टी है तो जीवन है, इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ‘जल लाए धन-धान्य’ इस थीम के आधार पर 5 फरवरी से ‘वाटरशेड यात्रा’ का प्रारंभ हो रहा है।

मिट्टी के क्षरण को रोकने और जल संरक्षण के लिए जागरूकता के उद्देश्य से यह यात्रा 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6673 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 13587 गांवों को कवर करेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस वाटरशेड यात्रा से ज्य़ादा से ज्यादा जुड़ें और जल एवं मिट्टी बचाने का संकल्प लें क्योंकि यह सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

तीन महीने तक चलेने वाली इस यात्रा में लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी है। देश में जल स्तर को बढ़ाना है, मिट्टी के कटाव को रोकना है, यह कार्य केवल सरकार नहीं कर सकती है, इसमें जन भागीदारी बेहद आवश्यक है। यह यात्रा केवल अपने लिए नहीं है बल्कि भावी पीढ़ी के लिए भी है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में इससे लोगों को जुड़ना चाहिए।

————-जल लाए धन-धान्य’ थीम पर ‘वाटरशेड यात्रा’ कल से होगी शुरू

नई दिल्ली : ग्रामीण विकास मंत्रालय बुधवार से जल लाए धन-धान्य की थीम पर वाटरशेड यात्रा की शुरू करने जा रहा है। यह यात्रा 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6673 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 13587 गांवों को कवर करेगी। यह यात्रा तीन महीने तक चलेगी।

मंगलवार को केन्द्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जल है तो कल है और मिट्टी है तो जीवन है, इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ‘जल लाए धन-धान्य’ इस थीम के आधार पर 5 फरवरी से ‘वाटरशेड यात्रा’ का प्रारंभ हो रहा है।

मिट्टी के क्षरण को रोकने और जल संरक्षण के लिए जागरूकता के उद्देश्य से यह यात्रा 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6673 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 13587 गांवों को कवर करेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस वाटरशेड यात्रा से ज्य़ादा से ज्यादा जुड़ें और जल एवं मिट्टी बचाने का संकल्प लें क्योंकि यह सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

तीन महीने तक चलेने वाली इस यात्रा में लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी है। देश में जल स्तर को बढ़ाना है, मिट्टी के कटाव को रोकना है, यह कार्य केवल सरकार नहीं कर सकती है, इसमें जन भागीदारी बेहद आवश्यक है। यह यात्रा केवल अपने लिए नहीं है बल्कि भावी पीढ़ी के लिए भी है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में इससे लोगों को जुड़ना चाहिए।

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