New Delhi : यूपी सरकार आफताब को दें 5 लाख का अंतरिम मुआवजा : सुप्रीम काेर्ट

0
20

अवैध धर्मांतरण के आरोपित को जमानत के बावजूद रिहा न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज गाजियाबाद को दिए जांच के आदेश
नई दिल्ली : (New Delhi)
सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद जेल में बंद अवैध धर्मांतरण के आरोपित आफताब (Aftab) को जमानत देने के आदेश के बावजूद रिहा न किए जाने पर गाजियाबाद जिला जज को मामले की जांच सौंपी है। जस्टिस केवी विश्वनाथन (Justice KV Vishwanathan) की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि 5 लाख का अंतरिम मुआवजा आफताब को दें।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जांच में अगर किसी को दोषी पाया जाता है तो हम व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई अधिकारी इसमें शामिल है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोर्ट के आदेश के बावजूद लोगों को सलाखों के पीछे रखा जाए तो हम क्या संदेश दे रहे हैं। बुधवार काे सुनवाई के दौरान गाजियाबाद के जेलर कोर्ट में सशरीर मौजूद थे और यूपी के जेल महानिदेशक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से पेश वकील गरिमा प्रसाद ने कहा कि आफताब को 24 जून की शाम को रिहा कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को सख्त एतराज जताते हुए यूपी के जेल महानिदेशक और गाजियाबाद के जेलर को तलब किया था। कोर्ट ने कहा था कि ये पूरी तरह से न्याय का उपहास है। कोर्ट ने कहा था कि यूपी के धर्मांतरण विरोधी कानून (anti-conversion law of UP) के तहत एक मामले में 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जिस व्यक्ति को जमानत दी गई थी उसे अभी तक जेल से रिहा नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा था कि आरोपी व्यक्ति को इस आधार पर जेल से रिहा नहीं किया गया कि यूपी के धर्मांतरण कानून के एक प्रावधान की उपधारा का उल्लेख जमानत के आदेश में नहीं किया गया था। इस मामले में गाजियाबाद के ट्रायल कोर्ट ने भी 27 मई को आरोपी की रिहाई का आदेश दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह एक गंभीर जांच का विषय है।