New Delhi : पिछले 11 वर्षों में सड़कों के बुनियादी ढांचे में हुआ व्यापक सुधारः गडकरी

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नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने (Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार में पिछले 11 वर्षों में देश में सड़कों के बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार हुआ है।

गडकरी ने ग्लोबल इंडियन कांक्लेव एंड अवार्डस (जीका) समारोह (Global Indian Conclave and Awards) को संबोधित करते हुए कहा कि वे पिछले 11 वर्षों से सड़क परिवहन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं और इस दौरान देश में सड़कों के बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार हुआ है, लेकिन हर साल देश में पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब एक लाख 80 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से 66 प्रतिशत युवा वर्ग ( 18 से 34 वर्ष की आयु) के होते हैं। यह अत्यंत चिंताजनक स्थिति है।

उन्होंने बताया कि अब देश में कहीं भी किसी भी सड़क दुर्घटना में यदि पीड़ित को अस्पताल में भर्ती किया जाता है तो सरकार सात दिनों के लिए डेढ़ लाख रुपये तक की सहायता सीधे अस्पताल (government will give assistance of up to one and a half lakh rupees directly to the hospital) को देगी। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले वक्ति को ‘राहवीर’ का प्रमाण पत्र और 25 हजार रुपये के पुरस्कार से सम्मानित (certificate of ‘Raahveer’ and a prize of Rs 25,000) किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार सड़क इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, कानून प्रवर्तन और मानव व्यवहार में बदलाव जैसे चार स्तरों पर काम कर रही है। सरकार ने अब तक देशभर में चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स के सुधार पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वहीं, सभी कारों में छह एयरबैग अनिवार्य किए गए हैं और यूरो-6 मानकों को अपनाने से ऑटोमोबाइल सेक्टर की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि लाल सिग्नल पर रुकना, टू-व्हीलर पर हेलमेट पहनना, गाड़ी चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करना और लेन अनुशासन जैसे नियमों का पालन अनिवार्य (mandatory to follow rules like stopping at red signal, wearing helmet on two-wheeler, not using mobile while driving and lane discipline) है। यदि देश के सभी दोपहिया वाहन चालक हेलमेट पहनें तो हर साल 30 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती है। जनजागरूकता के लिए सरकार फिल्मी सितारों और क्रिकेट खिलाड़ियों की मदद से अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि शंकर महादेवन द्वारा सड़क सुरक्षा पर तैयार गीत को 22 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जा रहा है ताकि यह संदेश बच्चों तक पहुंच सके।

उल्लेखनीय है कि जीका 2025 के पुरस्कार में करण विग को वर्ष का उद्यमी का पुरस्कार मिला, जबकि अंगद सिंह, पंकज पासी और प्रशांत प्रताप सिंह के नेतृत्व में क्रेडोरा पार्टनर्स को वर्ष की उभरती सलाहकार फर्म के रूप में सम्मानित किया गया। मानस चड्ढा को वर्ष का धन वास्तुकार चुना गया, और विपिन अग्रवाल को रणनीतिक निवेश नेतृत्व पुरस्कार प्रदान किया गया।

डॉ. तरनदीप सिंह गिल को वर्ष का घुटना सर्जन का पुरस्कार मिला, वहीं हरतेग सिंह वर्ष का रियल एस्टेट निवेश शिक्षक के रूप में सम्मानित हुए। यश वर्धन स्वामी को वर्ष का स्वास्थ्य परिवर्तन नेता और एस्ट्रो अरुण पंडित को वर्ष का आध्यात्मिक सलाहकार एवं ज्योतिषी का पुरस्कार दिया गया।

रवनीत के. और परवेश चड्ढा के नेतृत्व में फुल सुकून को वर्ष का वेलनेस इनोवेशन अवार्ड से नवाजा गया। भारतीय ओटीटी में रचनात्मक उत्कृष्टता के लिए राहुल सारंगी को सम्मानित किया गया। मेहुल पुरोहित और जीत शाह को क्रमशः उद्यमिता और डिजिटल उद्यमिता के लिए युवा आइकन के रूप में चुना गया। सुखमन प्रीत सिंह को वर्ष का युवा उद्यमी घोषित किया गया।

शैक्षणिक उत्कृष्टता में डॉ. विनोद कुमार को विकलांगता और वृद्धावस्था अध्ययन के लिए सम्मान मिला, जबकि भवप्रीत सिंह को आईपीओ मार्केटिंग और वित्तीय संचार में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कृत किया गया। विनोद कुमार जैन को निर्माण उद्योग में उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा गया। अमन जिंदल को रियल एस्टेट विकास में अग्रणी, कार्तिक सोंधी को शिक्षा प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता और रमनदीप सिंह को इनोवेटिव तथा तकनीकी समाधान में अग्रणी के रूप में सम्मानित किया गया। सार्वजनिक स्वास्थ्य में अदिति शर्मा को उत्कृष्टता का पुरस्कार मिला, जबकि बिग एफएम को जिम्मेदार मीडिया प्रसारक के रूप में सम्मानित किया गया।

सम्मेलन के दौरान दो महत्वपूर्ण पैनल चर्चाओं का आयोजन भी किया गया। पहला पैनल “स्टार्टअप्स और आईपीओ: क्या भारत एशिया का नया वॉल स्ट्रीट है?” के विषय पर था, जिसका संचालन शीर्ष वित्तीय रणनीतिकार अंगद सिंह ने किया। इस चर्चा में मानस चड्ढा, जीत शाह और मनप्रीत सिंह चड्ढा ने भाग लिया।