नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद (Justice Subramaniam Prasad of Delhi High Court) ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 26 सितंबर तक बढ़ा दी है। आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले में जांच करने के लिए और समय दिया जाए। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 26 सितंबर तक टालते हुए पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 26 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया।
दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसने फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र जमा किया था। दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि उसने सिविल सेवा की 2022 और 2023 में दी गई परीक्षा में दो अलग-अलग दिव्यांगता प्रमाणपत्र जमा किए। ये दिव्यांगता प्रमाणपत्र कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर के मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किये थे। दिल्ली पुलिस की वेरिफिकेशन में पता चला कि अहमदनगर की अथॉरिटी ने इन्हें जारी करने से इनकार किया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक पूजा खेडकर ने ये दिव्यांगता प्रमाणपत्र यूपीएससी परीक्षा में रियायत पाने के लिए दिए थे। इन्हीं रियायतों की वजह से पूजा खेडकर परीक्षा में सफल रही थी।
इससे पहले 29 अगस्त को सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील ने कहा था कि यूपीएससी एक बार नियुक्त करने के बाद किसी को हटा नहीं सकता है। हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया था कि पूजा खेडकर ने अपने सरनेम में कभी कोई बदलाव किया। उन्होंने कहा था कि पूजा खेडकर ने 2012 से लेकर 2022 तक अपने नेम और सरनेम में कोई बदलाव या कोई धोखाधड़ी नहीं की है। उनकी जन्मतिथि, आधार कार्ड और एकेडमिक सर्टिफिकेट में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया।
हाई कोर्ट ने 12 अगस्त को पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी। पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने 1 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील बीना माधवन ने कहा था कि इस मामले में शिकायत यूपीएससी की तरफ से की गई है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा था कि पूजा के गिरफ्तार होने का खतरा है। माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी हैं जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार हासिल हैं।
पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं। कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटा कर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया। लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंचीं। 18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था। पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थीं। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।