नई दिल्ली : (New Delhi) सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्यों में उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री पहले राज्य सरकार का एक मंत्री होता है और इसमें कुछ भी असंवैधानिक नहीं है।
यह याचिका पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने दायर की थी। याचिका में विभिन्न राज्यों में हुई उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया गया था। याचिका में कहा गया था कि उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। उप-मुख्यमंत्री की नियुक्ति करके एक गलत परिपाटी शुरू की जा रही है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री पहले मंत्री होता है। उप-मुख्यमंत्री केवल एक लेबल है और इससे न तो कोई अतिरिक्त भत्ता मिलता है न ही ज्यादा सैलरी।